भोपाल: इंदौर स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने 9 साल पहले एक क्लिनिक से बच्ची को अपहरण करने वाले 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उनके पास से 2 नवजात बच्चों को भी बरामद किया है. इस बात की पुष्टि इंदौर पुलिस अधीक्षक (STF)मनीष खत्री ने की. उन्होंने बताया कि एसटीएफ इकाई इंदौर को नवजात बच्चो को जन्म के पश्चात अस्पताल से उसकी मां से अलग कर अस्पताल स्टाफ द्वारा अन्य निःसंतान दंपत्तियों को देने के संबंध में चाइल्ड लाइन द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी.


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जिसके बाद जांच टीम द्वारा लीलाबाई नामक एक युवती को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. वह पहले यश मेटरनिटी क्लीनिक स्कीम नंबर 51 में काम करती थी. लीलावती ने पूछताछ में बताया कि 2011 में उसने अपनी बहन पुष्पा श्रीवास व उसके पति प्रभुदयाल श्रीवास के माध्यम से यश क्लीनिक से एक दिन का नवजात शिशु देवास निवासी शिरीष व उनकी पत्नी सुधा को दिया था. 


इस पर जब देवास निवासी श्रीश और सुधा से पूछताछ की गई तो उसने यश क्लिनिक से बच्चे को गोद लेना बताया. लेकिन उनके पास गोद लिए जाने संबंधी कोई भी अनुमति वा दस्तावेज होना नहीं पाया गया. जिसके बाद मामले की गहन जांच की गई, तो यह पाया कि लीलाबाई, श्रीश इंदुल्कर, सुधा इंदुल्कर, पुष्पा श्रीवास एवं प्रभूदयाल श्रीवास एवं अन्य द्वारा नवजात शिशु का यश क्लीनिक से अपहरण किया था. इसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.


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वहीं, जब मामले में लीला बाई से जब पूछताछ की गई तो उसके द्वारा एक अन्य बच्चे को यश क्लिनिक से ही रतलाम निवासी उसकी समधन वा समधी को देना बताया गया. जिसके बाद निरीक्षक एम.ए. सैयद के नेतृत्व में निरीक्षक श्रीकांत जोशी और एसटीएफ की टीम ने चाइल्डलाइन स्टाफ के साथ रतलाम जाकर बच्चे और महिला स्वर्णलता को गिरफ्तार कर लिया. इस प्रकरण में बरामद दोनों बच्चो को जन्म देने वाली मां से मिलाने के लिए तलाशा जा रहा है.


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