प्रकाश शर्मा/जांजगीर चाम्पा:  छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के जांजगीर-चांपा जिले में भूमि अधिग्रहण के बावजूद उद्योगों की स्थापना पिछले एक दशक से लंबित है, ऐसे में किसान अपनी जमीन वापस लेने के लिए अब लामबंद होने लगे हैं.


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दरअसल कृषि प्रधान जांजगीर चांपा जिले को पॉवर हब बनाने के लिए 50 से ज्यादा प्लांट स्थापित करने का वादा किया गया था, जिसके लिए हजारों हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया था, कर्नाटक पावर प्लांट के लिए भी नवागढ़ ब्लॉक के गोधना समेत आधा दर्जन गांव में जमीन अधिग्रहित की गई थी, इसी तरह बम्हनीडीह और बाराद्वार क्षेत्र में भी हजारों किसानों से जमीन की खरीदी औद्योगिक नीतियों के तहत की गई थी, लेकिन दस साल बाद भी उद्योग की स्थापना नहीं की गई है. जिसकी वजह से युवा अब भी बेरोजगार भटक रहे हैं, किसान खेती से वंचित हैं और भूमि बंजर होने की कगार पर पहुंच चुकी है.


जांजगीर-चांपा जिले में उद्योग स्थापित ना किए जाने के बाद अब युवा और किसान चाहते हैं कि या तो उन्हें रोजगार दिया जाए, नहीं तो अधिग्रहित की गई जमीन वापस दी जाए, ताकि वो अपने खेती के काम में वापस लौट सकें. हालांकि इस मामले में प्रशासन के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है.