जबलपुर: जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले की जांच सिटी हॉस्पिटल के संचालक और आरोपी सरबजीत सिंह मोखा के घर तक पहुंच गई है. जांच में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि सरबजीत सिंह मोखा के बेटे हरकरण मौखा द्वारा फर्जी आईडी यानी कि दूसरे शख्स की आईडी का दुरुपयोग करते हुए नकली इंजेक्शन की खेप को जबलपुर मंगाया गया था.
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस सरबजीत सिंह के बेटे हरकरण को जल्द हिरासत में ले सकते हैं. हालांकि अभी वह फरार चल रहा है, लेकिन पुलिस का दावा है कि वह उसे जल्द दबोच लेगी. 


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नकली इंजेक्शन की तलाश में जुटी एसआइटी ने सोमवार सुबह-सुबह लोहिया पुल के पास पचपेढ़ी स्थित मोखा के घर दबिश दी, तब इस बात के प्रमाण मिले. घर की सर्चिंग के दौरान यह भी पता चला कि 125 से ज्यादा नकली इंजेक्शन को नौकरों से तुड़वाकर मोखा ने उन्हें घर के बाहर नाले में फिंकवा दिया था.


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सूरत के कारोबारियों को मिला प्रोडक्शन रिमांड
वहीं आपको बता दें कि इसके साथ इस मामले की सघन जांच के लिए जबलपुर पुलिस को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले सूरत के कारोबारियों पुनीत शाह और कौशल बोरा का प्रोडक्शन रिमांड कोर्ट से मिल गया है. लिहाजा जल्द ही दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए जबलपुर लाया जाएगा. 


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पूरा रैकेट हो होगा बेनकाब
वहीं गुजरात पुलिस की गिरफ्त में आये जबलपुर के सपन जैन का भी प्रोडक्शन रिमांड कोर्ट से मांगा गया है. इन्वेस्टिगेशन कर रहे एडिशनल एसपी रोहित काशवानी के अनुसार जल्द ही जो तथ्य मिल रहे हैं उसके आधार पर पूरा रैकेट बेनकाब किया जा सकेगा.


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