Sita Ashtami 2024: सीता अष्टमी के दिन करें MP के इस मंदिर के दर्शन, पूरी हो सकती है मनोकामना!
Sita Ashtami 2024 Date: मान्यता के अनुसार सीता अष्टमी हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. सीता अष्टमी को सीता जयंती या जानकी जयंती भी कहा जाता है. आज हम आपको एमपी के प्रसिद्ध मंदिर करीला धाम के बारे में बताने जा रहे हैं. मान्यता है कि करीला में माता सीता ने लव-कुश को जन्म दिया था.
करीला माता का मंदिर मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित है. मान्यता है कि माता सीता ने यहीं पर लव और कुश को जन्म दिया था. सीता अष्टमी के दिन यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है. मान्यता है कि सीता धाम में मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है. यहां जुटने वाले ज्यादातर लोग वो होते हैं जो अपनी मन्नत पूरी होने पर देवी मां को धन्यवाद देने आते हैं. अगर आप भी अपनी कोई मनोकामना पूरी करना चाहते हैं तो इस मंदिर के दर्शन करने जाएं.
कब है सीता अष्टमी का पवित्र व्रत?
इस वर्ष सीता अष्टमी 4 मार्च, सोमवार को पड़ रही है. ऐसा माना जाता है कि यदि कोई विवाहित महिला सीताष्टमी का व्रत रखती है, तो उसका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. साथ ही अगर अविवाहित महिलाएं यह व्रत (Sita Ashtami Vrat) रखती हैं तो ऐसा माना जाता है कि उन्हें अच्छा वर मिलेगा.
सीता अष्टमी का महत्व
अगर कोई व्यक्ति अपनी इच्छाएं पूरी करना चाहता है तो उसे सीता अष्टमी का व्रत अवश्य करना चाहिए. इस व्रत को करने से उसकी मनोकामना पूरी होती है. मान्यता है कि सुहागिन महिला यदि सीताष्टमी का व्रत रखे तो वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है.
सीता अष्टमी व्रत पूजा विधि
माता जानकी की तस्वीर या मूर्ति को एक साफ-सुथरी जगह पर साफ कपड़े बिछाकर एक साथ स्थापित करना चाहिए. आप ऐसी तस्वीर या मूर्ति भी रख सकते हैं जिसमें माता सीता श्री राम चंद्र के साथ हों. इसके बाद पानी से खुद को शुद्ध करने के बाद माता जानकी की विधि-विधान से पूजा करें.
पूजा के बाद जौ, हवन सामग्री आदि सभी अनाजों से हवन करना चाहिए, पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ खीर पुआ और अन्य पारंपरिक व्यंजनों का भोग लगाना चाहिए और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.
इस व्रत और पूजा से भक्त को माता जानकी के साथ-साथ भगवान श्री राम का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. व्रत रखने वाली महिलाओं को सुहाग का सामान भी चढ़ाना चाहिए. शाम की पूजा के बाद माता सीता को अर्पित की गई चीजों से व्रत खोलें और सुहाग का सामान किसी विवाहित महिला को दान करें. ऐसा करने से सौभाग्य, सुख, शांति, धन आदि की प्राप्ति होती है.
पूजा विधि से संबंधित जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले ज्योतिषियों से सलाह जरूर लें। ZEE News इसकी पुष्टि नहीं करता है.