नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा ऐलान किया है कि जनता के लिए अब वह खुद कोई घोषणा नहीं करेंगे. उन्होंने विभागों से संबंधित अधिकारियों को अब इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है. मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ रविवार को पहली बार छिंदवाड़ा पहुंचे. उन्होंने रोड शो के बाद जनसभा को संबोधित किया. वह इस दौरान कई बार भाव-विह्वल हो गए.


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कमलनाथ ने कहा कि मैंने कोई घोषणा नहीं करने का फैसला किया है क्योंकि प्रदेश के लोग घोषणाओं से तंग आ चुके हैं. अब से, संबंधित अधिकारी इसे करेंगे; क्योंकि वे लोग हैं जो नीति बनाते हैं, यह उनकी जिम्मेदारी होगी.



छिंदवाड़ा से वोट और प्यार लेकर पहुंचता हूं संसद में
कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से अपने रिश्ते को याद करते हुए कहा, "संसद में जब मैं बैठता हूं, तो दूसरे सांसदों की ओर देखता हूं कि वे लोगों के वोट लेकर आए हैं. मैं केवल वोट लेकर नहीं आता, बल्कि प्यार और विश्वास लेकर संसद में बैठता हूं."


40 साल पहले का छिंदवाड़ा कुछ और था
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कमलनाथ ने कहा कि वह आज जहां हैं, वहां तक पहुंचाने का छिंदवाड़ा के हर नागरिक को श्रेय जाता है. उन्होंने कहा कि 40 साल पहले का छिंदवाड़ा कुछ और था, और आज का कुछ और है. छिंदवाड़ा की अपनी पहचान है.


विकास कार्यों का दिया ब्यौरा
कमलनाथ ने बीते 38 सालों में छिंदवाड़ा में हुए विकास कार्यों का ब्यौरा दिया और कहा, "यहां के नौजवानों ने वह छिंदवाड़ा नहीं देखा, जहां एक भी रेल नहीं आती थी, पातालकोट में तीन घंटे पैदल चलने पर ही नीचे पहुंच पाते थे. वहां के निवासी पहले सिर्फ नमक लेने बाहर आते थे. उन्हें दुनिया से कोई मतलब नहीं था. आम की गुठली से आटा बनाते थे, महुआ के फूल की शराब पीते थे. उनके तन पर जरूरी कपड़े नहीं हुआ करते थे, मगर अब वे जीन्स पहनने लगे हैं. जीप आती थी तो उसे देखने भागते थे, अब जीप आने पर उन्हें धूल का डर सताता है. इतना बदलाव आ गया है यहां."


कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के युवाओं को प्रशिक्षित और हुनरमंद बनाने के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, "छिंदवाड़ा में जितने स्किल सेंटर है, उतने दुनिया के किसी भी जिले में नहीं हैं."


(इनपुट-आईएएनएस से भी)