नई दिल्ली: देश भर में भारतीय जनता पार्टी एक-एक कर राज्यों के विधानसभा चुनाव जीत रही है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देश के 21वें राज्य में जीत की ओर बढ़ रही है. रुझानों में बीजेपी को मिली बढ़त से साफ हो गया है कि कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनना तय है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनाव जीतने के लिए लिंगायत समुदाय को अल्‍पसंख्‍यक दर्जा दिलाने की सिफारिश की, मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया ने दलित मुख्यमंत्री बनाने की बात कही. राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनाव के बीच में ही खुद को 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए तैयार बता दिया, लेकिन राज्य में अपनी सत्ता बचाने में नाकामयाब रहे. कर्नाटक चुनाव में भगवा लहर के बाद कांग्रेस तीन राज्यों (पुद्दुचेरी, पंजाब, मिजोरम) में सिमट कर रह गई है. ये नतीजे कांग्रेस के लिए आगामी चुनावों में भारी पड़ सकते हैं. 


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कांग्रेस कर्नाटक में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही थी. कर्नाटक की हार के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं. गौरतलब है कि इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने है. कांग्रेस ने इन राज्यों मे विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां शुरू कर दी थीं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष का पद कमलनाथ को दिया था. कमलनाथ ने सीएम शिवराज को हर मुद्दे पर घेरना भी शुरू कर दिया था. साथ ही कमलनाथ ने कांग्रेस की गुटबाजी को भी समाप्त किया. वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सीएम रमन सिंह को विकास, नक्सली और पत्थलगड़ी जैसे मुद्दों से घेरने की रणनीति बनाई थी. कांग्रेस को उम्मीद थी कि कर्नाटक के नतीजों के बाद वो इन तीनों जगहों पर बीजेपी को चारों खाने चित्त कर देगी. 


राजनीतिक पंडितों का मानना है कि कर्नाटक के नतीजों से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरेगा. कर्नाटक में मिली हार से कांग्रेस को इन राज्यों में सत्ता विरोधी लहर का फायदा मिलना मुश्किल नजर आ रहा है. कर्नाटक के नतीजों ने इन राज्यों मे कांग्रेस के लिए चुनौती बढ़ा दी है. जानकारों की मानें, तो चुनावों में लगातार मिल रही हार के बाद अब कांग्रेस को अपनी रणनीति में बदलाव करना ही होगा. अन्यथा कांग्रेस को इन राज्यों में होने वाले चुनावों में भी नुकसान उठाना पड़ सकता है. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुए उपचुनावों में कांग्रेस को मिली सफलता के बाद इन राज्यों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी.


वहीं, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कर्नाटक नतीजों के बाद कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इंडियन नेशनल कांग्रेस को अपना नाम बदलकर कांग्रेस (पंजाब, मिजोरम पुद्दुचेरी) कर लेना चाहिए. शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेता हैं और अमित शाह बीजेपी के चाणक्य हैं. दोनों की जोड़ी अपराजेय है. उन्होंने कहा कि आज दक्षिण का द्वार खुल गया है, जो कन्याकुमारी तक जाएगा. कांग्रेस सिर्फ आरोप की राजनीति करती है. वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी बीजेपी की जीत होगी. पीएम मोदी ने सभी वर्गों का विकास बिना किसी भेदभाव के किया है. ऐसा ही चलता रहा, तो छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस ढूंढो अभियान शुरू करना पड़ेगा.