भोपाल में `किल कोरोना` अभियान की शुरुआत, प्रदेश में 1 जुलाई से होगा मेगा फीवर सर्वे
प्रदेश भर की 22 हजार टीम हर दिन पांच लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग करेंगी.
भोपाल: कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए भोपाल में 'किल कोरोना' अभियान की शुरुआत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश भर में इसे 1 जुलाई से शुरू किया जाएगा, इसमें मुख्य रूप से प्रदेश की लगभग 8.5 करोड आबादी का बुखार मांपा जाएगा.
इस महाभियान में आम लोगों से उनकी सेहत से जुड़े 6 सवाल पूछे जाएंगे. जिससे पता लगेगा कि मरीज में कोरोना के लक्षणों हैं या डेंगू, मलेरिया सहित दूसरे बुखार के बीमारी के लक्षणों के आधार पर मौके पर ही रैपिड टेस्ट किट से जांच की जाएगी. यदि रैपिड टेस्ट में रिजल्ट पॉजिटिव आया तो सैंपल लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में करीब 23 हजार से ज्यादा टीमों को तैयार किया गया है.
भोपाल में 800 टीमें रोजाना करेंगी 1 लाख 98 हजार लोगों का सर्वे
मेगा फीवर कैम्पेन में हर दिन टीम को सर्वे के लिए टारगेट दिए गए हैं. भोपाल में 795 टीमें रोजाना 1 लाख 98 से ज्यादा लोगों तक पंहुचकर जानकारी इकट्ठा करेंगी. इसी तरह प्रदेश भर की 22 हजार टीम हर दिन पांच लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग करेंगी.
संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों की रैपिड किट से तुरंत होगी जांच
स्क्रीनिंग के दौरान सर्वे टीम के पास रेपिड जांच किट भी रहेगी. बातचीत में अगर किसी व्यक्ति में डेंगू या मलेरिया के लक्षण मिलते हैं तो उनकी रैपिड किट से जांच की जाएगी. कोरोना संदिग्ध मरीज की जानकारी नोडल अधिकारी को भी दी जाएगी. बुखार या अन्य लक्षणों वाले मरीजों को पास की फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा.
विशेष किट के साथ होगी स्क्रीनिंग
सर्वे के लिए हर टीम को विशेष किट दी जाएगी. इस किट में पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर, ट्रिपल लेयर, सर्जिकल ग्लव्स, कॉटन, सेनिटाईजर के साथ रैपिड डायग्नोस्टिक किट, क्लोरोक्वीन, प्राइमाक्वीन और पैरासिटामॉल टैब्लेट दी जाएगी. हर टीम को बायोमेडिकल वेस्ट बैग दिया जाएगा ताकि बायोमेडिकल वेस्ट इधर उधर ना फेंका जाए.
बुखार के साथ इन लक्षणों से तय होंगे मरीज
कोरोना के संदिग्ध- पिछले 10 दिनों के भीतर खांसी, सांस लेने में परेशानी, गले में दर्द-खराश के साथ 100 डिग्री बुखार है तो संदिग्ध मरीज की पिछले 7 दिनों में की गई यात्रा और किसी पॉजिटिव के संपर्क में आने की जानकारी लेकर सार्थक एप में उसे दर्ज कर नजदीकी फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा.
मलेरिया- बुखार के साथ कंपकपी, सिरदर्द, उल्टी, कमजोरी, चक्कर और पसीना आकर बुखार उतर जाने वाले मरीज की सूचना क्षेत्रीय एएनएम को दी जाएगी. एएनएम रैपिड किट से जांच कर रिजल्ट पॉजिटिव आने पर मलेरिया के उपचार के लिए नजदीकी डॉक्टर के पास भेजेंगी.
डेंगू- तेज बुखार के साथ आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और सिर में तेज दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते के लक्षणों वाले मरीजों को पास के फीवर क्लीनिक में भेजेंगे. यहां डेंगू के लक्षण मिलने पर सैंपल एलाइजा टेस्ट के लिए भेजे जाएंगे. इन लक्षणों के अलावा दूसरे बुखार वाले मरीजों को भी फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा.