खंडवा: कोरोना महामारी ने जहां लोगों को अपने घरवालों के साथ कैद कर दिया तो कई लोग ऐसे भी हैं जो इस बीच अपनों से बिछड़ गए. वहीं एक बुजुर्ग ऐसे हैं जो गलत ट्रेन में बैठने के कारण 6 महीने अपने परिवार से दूर रहे. लंबे समय तक कुछ पता ना चलने के कारण परिवार ने उनके लौटने की उम्मीद ही छोड़ दी थी लेकिन फरिश्ता बनकर आए युवक और एक समाजसेवी ने बुजुर्ग को उनके घर पहुंचा दिया. बुजुर्ग के बेटे गंगा प्रसाद साहू ने दोनों युवा मददगारों का धन्यवाद किया है. साथ ही बताया कि उन्होंने पिता को पाने की उम्मीद छोड़ दी थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ें-भोपाल: WhatsApp पर तीन तलाक देने के मामले में CM शिवराज ने लिया संज्ञान, बोले- बहन को मिलेगा न्याय


जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल ये मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के रहने वाले कोदुराम साहू का है. जो लॉकडाउन के पहले नागपुर से लौटते वक्त गलत ट्रेन में बैठकर खंडवा पहुंच गए थे. खंडवा-बुराहनपुर के बीच किसी ने कोदुराम को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया था. जिसके बाद जीआरपी के जवानों ने उन्हें खंडवा जिला अस्पताल में भर्ती करवा दिया था. इसी दौरान पूरे देश लॉकडाउन घोषित हो गया और कोदुराम अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ते रहे. 


कुछ समय बाद जब कोदुराम ठीक हुए तो अस्पताल वालों ने भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. बुजुर्ग के पास ना खाने के लिए रोटी थी और ना ही रहने के लिए छत. लॉकडाउन के कारण बुजुर्ग को कोई मदद नहीं मिली और वह अस्पताल के पास ही 6 महीनों तक लोगों की भीख पर जिंदा रहने को मजबूर हो गए.


एक दिन अपने परिजन को देखने पहुंचे एक शख्स ने बुजुर्ग की सुध ली. अमजद खान नाम के इस युवक ने बुजुर्ग की मदद करनी चाही और बुजुर्ग से उनका नाम और पूरा पता जाना. अमजद ने गूगल मैप के जरिए ना सिर्फ बुजुर्ग का गांव ढूंढा बल्कि उनके परिजनों तक की तलाश कर ली.


ये भी पढ़ें-MP:'विमन सेफ्टी' को लेकर सारी कवायदें फेल, दबंगों ने सरेराह मजदूर महिला को पीटा, नहीं हुई FIR


 


इसके बाद अमजद ने बुजुर्ग की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की. जिसके बाद स्थानीय युवा समाजसेवी मुल्लू राठौर भी आगे आए और बुजुर्ग के पास पहुंचकर उनकी मदद करने के साथ-साथ उनका हुलिया भी सुधारा. समाजसेवी ने बुजुर्ग को नए कपड़े पहनाए और उन्हें नया जीवन दान दिया गया.


परिवार को कोदुराम की जानकारी मिली और वे लोग छत्तीसगढ़ से बुजुर्ग को लेने खंडवा पहुंच गए. अब तक परिवार उन्हें अपने साथ लेकर खुशी-खुशी लौट चुका है. 


Watch LIVE TV-