भाजपा से सबक लेकर अब कांग्रेस भी 33 साल बाद अपने विधायकों को सिखाएगी विधायकी, जानें
मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायकों को आखिरी बार 1989 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में सेवादल के प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए ट्रेनिंग दी गई थी. तब दिग्विजय सिंह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे.
भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में भले ही अभी दो साल से अधिक का वक्त बाकी है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस 2023 की तैयारियों में जुट गई हैं. उज्जैन में बीजेपी अपने विधायकों को ट्रेनिंग दे रही है. अब कांग्रेस ने भी इससे सीख लेते हुए 33 साल बाद अपने विधायकों का ट्रेनिंग कैंप लगवाने का फैसला किया है. विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होने के बाद कांग्रेस विधायकों का ट्रेनिंग कैम्प मांडू या खजुराहो में लग सकता है.
जानिए CM शिवराज ने PA को क्यों बताया डेंजरस प्राणी? अपने विधायकों को पढ़ाए ये 10 पाठ
अभी चुनाव में 2 साल से ज्यादा का वक्त, लेकिन तैयारियां शुरू हैं
भले ही दोनों पार्टियां इसे नगरीय निकाय चुनाव के पहले की तैयारी करार दे रही हैं लेकिन लक्ष्य 2023 का विधानसभा चुनाव ही है. इसके लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों अपने विधायकों को जनता के बीच लोकप्रिय बने रहने के टिप्स देने का प्रयास कर रही हैं. कांग्रेस अपने सभी 96 विधायकों को दो से तीन दिन तक एक जगह रखने की तैयारी कर रही है. यह एक तरह का ट्रेनिंग कैंप होगा जिसमें विधायकों को सीखाया जाएगा कि उन्हें विधायकी कैसे करनी है.
चंबल का डाकू म्यूजियम: देख सकेंगे फूलन देवी और मोहर सिंह की बंदूकें, वीर पुलिस वालों की कहानी
बजट सत्र के बाद कांग्रेस भी लगा सकती है विधायकों का ट्रेनिंग कैंप
विधानसभा का बजट सत्र 22 फरवरी से शुरू होने जा रहा है जो 26 मार्च तक चलेगा. वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का विचार है कि शिविर का आयोजन सत्र के बाद ही किया जाए, जिससे सभी विधायक मौजूद रह सकें. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अपने अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा के बाद विधायक ट्रेनिंग कैंप के आयोजन के बारे में अंतिम फैसला करेगी. आपको बता दें कि कांग्रेस अपने सांसदों व विधायकों को सेवादल के प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए ट्रेनिंग देती रही है.
CISF Recruitment 2021: 2000 पदों पर निकली भर्ती, यहां देखें चयन प्रक्रिया सहित पूरी डिटेल्स
आखिरी बार 1989 में लगा था कांग्रेस विधायकों का प्रशिक्षण शिविर
मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायकों को आखिरी बार 1989 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में सेवादल के प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए ट्रेनिंग दी गई थी. तब दिग्विजय सिंह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे. सेवादल का वह प्रशिक्षण शिविर खजुराहो में आयोजित किया गया था. कांग्रेस अपने प्रशिक्षण शिविर के लिए प्लान तैयार कर रही है कि विधायकों को क्या बताना है. इनमें भाजपा को राजनीतिक मोर्चे पर घेरने की रूपरेखा तय की जा रही है.
WATCH LIVE TV