भोपाल: कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव दीपक बावरिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव तक प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बदले जाने की संभावना कम है. अगर कोई फैसला लेना होगा तो पार्टी हाईकमान लेगा. इसके अलावा निगम-मंडलों में नियुक्तियां लोकसभा चुनाव के बाद ही होगी. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार और कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य में नए अध्यक्ष की चर्चाएं जोरों पर हैं. प्रदेश प्रभारी बावरिया ने गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव तक ज्यादा बदलाव की गुंजाइश नहीं देखता हूं, फिर भी पार्टी हाईकमान को लगे तो वह कोई कदम उठा सकता है.


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बावरिया ने कर्नाटक में चल रही सत्ता परिवर्तन की कोशिशों का जिक्र करते हुए मध्य प्रदेश के हालात को जोड़ा. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के दौरान यहां भी 50 से 100 करोड़ रुपये में विधायकों को खरीदने की कोशिश हुई थी. भाजपा बौखला गई है, यही कारण है कि जहां भी कांग्रेस की सरकार बनी है, वहां खरीद-फरोख्त की राजनीति कर रही है. आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका जवाब मिलेगा.


राज्य मंत्रिमंडल में कई लोगों को जगह न मिलने पर जारी खींचतान के सवाल पर बावरिया ने कहा कि कई लोग मंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, कई वरिष्ठ नेता मंत्री बनने से रह गए हैं, बड़ा जटिल विषय है, राज्य में 35 मंत्री ही बन सकते हैं, लिहाजा प्रदेश और अखिल भारतीय कांग्रेस कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेगा.


बावरिया ने साफ कर दिया कि लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी काफी गंभीर है. राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में वापस आई है, सभी की अपेक्षाएं बढ़ी हैं. आगामी लोकसभा चुनाव में समान विचारधारा के लोगों से गठबंधन होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता.


(इनपुट-आईएएनएस)