MP NEWS: मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर हो रहे लोकसभा चुनाव के लिए मुकाबले की तस्वीर साफ हो गई है. सभी सीटों पर पहले ही उम्मीदवार उतारकर फ्रंट फुट पर रहने वाली भाजपा प्रदेश का जातिगत समीकरण साधने में आगे निकलती हुई दिखाई दे रही है. दूसरी ओर ओबीसी और जातिगत समीकरण की बात करने वाली कांग्रेस इसमें पीछे दिखाई दे रही है. बता दें कि मध्य प्रदेश में करीब 50 फीसदी ओबीसी वोटर हैं. 


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भाजपा ने मध्य प्रदेश की 19 गैर आरक्षित सीटों के लिए 10 ओबीसी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने 7 ओबीसी कैंडिडेट को ही टिकट दिया है. इससे साफ जाहिर है भाजपा ने पहले टिकट जारी करते हुए न सिर्फ जातिगत समीकरण बेहतर ढंग से साधा है, बल्कि पिछड़ा वर्ग को सबसे ज्यादा हिस्सेदारी देते हुए सबसे ज्यादा उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को 5 सीटों पर मौका दिया है.


महिलाओं को मौका देने में भी आगे भाजपा
इधर, एमपी में भाजपा महिलाओं को टिकट देने के मामले में भी कांग्रेस से आगे निकल गई. भाजपा ने 29 में से 6 सीटों पर महिलाओं कैंडिडेट को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने 28 सीटों पर सिर्फ ही महिला उम्मीदवार को उतारा है. हालांकि, इंडिया गठबंधन के तहत सपा ने खजुराहो से मीरा यादव को टिकट दिया था, लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया. अगर उन्हें कोर्ट से राहत मिलती है तो इंडिया गठबंधन की 2 महिला प्रत्याशी हो जाएंगी. 


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भाजपा में ब्राह्मण ज्यादा तो कांग्रेस मे क्षत्रिय
सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट देने में कांग्रेस आगे दिखाई दे रही है. कांग्रेस ने 7 ओबीसी के अलावा, 4 ब्राह्मण, 1 पंजाबी खत्री, 4 क्षत्रिय, 1 जैन और 1 कायस्थ उम्मीदवार को उतारा है, जबकि भाजपा ने 10 ओबीसी के अलावा 5 ब्राह्मण, 1 क्षत्रिय, 1 सिंधी, 1 वैश्य और 1 मराठा उम्मीदवार हैं. इसके अलावा कांग्रेस और भाजपा ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 10 सीटों पर भी प्रत्याशी उतारे हैं.


सपा की महिला प्रत्याशी को लगा झटका
मध्य प्रदेश में इंडिया गठबंधन के सीट शेयरिंग में खजुराहो लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने मीरा यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन नामांकन फॉर्म में हस्ताक्षर नहीं करने और पुरानी नामावली की वजह से उनका नामांकन निरस्त किया गया है. बताया जा रहा है कि मीरा यादव ने इसके बाद कोर्ट का रुख किया है.