Bilaspur Seat: 1996 से बिलासपुर में नहीं रुका BJP का विजयरथ, जातिगत समीकरण तय करते हैं हार-जीत का फैसला
Bilaspur Lok Sabha Constituency: आगामी लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की बिलासपुर सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. भाजपा के गढ़ में कांग्रेस की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, चलिए जानते हैं इस सीट का समीकरण.
Bilaspur Lok Sabha Constituency History: कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव 2024 होने वाले हैं. इसलिए सभी राजनीतिक दल इसकी तैयारी में जुटे हैं. छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है. पिछले चुनाव में बीजेपी ने यहां शानदार प्रदर्शन किया था. छत्तीसगढ़ की बिलासपुर सीट की बात करें तो यहां पिछले कई चुनावों से बीजेपी जीतती आ रही है. 2019 की बात करें तो यहां अरुण साव ने सांसद का चुनाव जीता था.
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बिलासपुर लोकसभा सीट
वर्तमान में, बिलासपुर लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं: कोटा, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा और मस्तूरी. बता दें कि इस सीट पर कोई भी आरक्षण नहीं है.
हाल ही में संपन्न हुए 2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव नतीजों की बात करें तो बिलासपुर लोकसभा सीट की 8 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 6 सीटें जीतीं. जिनमें, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर और बेलतरा शामिल हैं. जबकि कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं: मस्तूरी (एससी) और कोटा.
सीट का नाम | विधायक | पार्टी |
---|---|---|
लोरमी | अरुण साव | BJP |
कोटा | अटल श्रीवास्तव | कांग्रेस |
मुंगेली | पुन्नूलाल मोहले | BJP |
तखतपुर | धर्मजीत सिंह | BJP |
बिल्हा | धरमलाल कौशिक | BJP |
बिलासपुर | अमर अग्रवाल | BJP |
बेलतरा | सुशांत शुक्ला | BJP |
मस्तूरी | दिलीप लहरिया | कांग्रेस |
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बिलासपुर सीट का इतिहास
बता दें कि बिलासपुर छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. राज्य का उच्च न्यायालय बिलासपुर में है. बिलासपुर लोकसभा सीट की स्थापना 1952 में हुई थी. वहीं, बिलासपुर सीट का इतिहास बेहद दिलचस्प है. इस सीट पर देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों कांग्रेस ने 8 बार और बीजेपी ने 8 बार जीत हासिल की है. वहीं, केवल एक ही दफा जनता पार्टी को जीत मिली.1951-52 के पहले आम चुनाव और 1957 के दूसरे आम चुनाव दोनों में कांग्रेस के रेशमलाल जांगड़े बिलासपुर सीट से सांसद चुने गए थे. वहीं, 1962 में डॉ चंद्रभान सिंह जीते. 1967 में कांग्रेस ने अमर सिंह सहगल को मैदान में उतारा था. उन्होंने भी जीत हासिल की. 1971 के चुनाव में कांग्रेस का फिर परचम लहराया. कांग्रेस के रामगोपाल तिवारी की जीत हुई थी. 1977 में जनता पार्टी ने निरंजन प्रसाद केशरवानी को टिकट दिया और कांग्रेस से अशोक राव मैदान में थे. जहां जनता पार्टी के निरंजन प्रसाद केशरवानी की जीत हुई थी. बता दें कि 1980 में कांग्रेस ने वापसी की थी. 1980 के चुनाव में कांग्रेस के गोदिल प्रसाद अनुरागी जीते थे. वहीं, 1984 में भी कांग्रेस के खेलनराम जांगड़े की चुनाव में विजय हुई थी.
बीजेपी की पहली जीत
1989 के चुनाव में बीजेपी ने पहली बार इस सीट पर कब्जा किया. इस चुनाव में बीजेपी ने पहली बार जीत का स्वाद चखा. कांग्रेस के खेलनराम जांगड़े को हराकर बीजेपी के रेशमलाल जांगड़े दिल्ली पहुंचे थे. 1991 में एक बार फिर खेलनराम जांगड़े मैदान में थे. जहां उनके सामने बीजेपी के गोविंद राम मिरी थे. इस चुनाव में खेलन राम जांगड़े जीत हासिल की और वो दूसरी बार सांसद का चुनाव जीते थे.
1996 के चुनाव में बीजेपी ने यहां ऐसी वापसी की. जिसके बाद बिलासपुर सीट पार्टी का मजबूत किला बन गई. 1996 में पुन्नूलाल मोहले ने यहां से चुनाव जीता था. इसके बाद मोहले ने 1998, 1999 और 2004 में लगातार जीत दर्ज की. जिसके चलते बिलासपुर सीट पर बीजेपी का गढ़ बन गई. पुन्नूलाल मोहले की बात करें तो वह पूर्व मंत्री और मुंगेली विधानसभा सीट से विधायक हैं. वह चार दशकों से चुनाव जीत रहे हैं. एक सरपंच के रूप में अपनी राजनीतिक पारी शुरू करते हुए, मोहले तेजी से राजनीतिक सीढ़ी चढ़ते गए और राज्य और केंद्र दोनों की राजनीति में एक प्रमुख नेता बन गए. खास बात यह है कि मोहले ने जो भी चुनाव लड़ा, उसमें जीत हासिल की. जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि वह बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से लगातार चार बार संसद का चुनाव जीत चुके हैं. साथ ही वो कई सालों से विधायक का चुनाव जीत रहे हैं.
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दिलीप जूदेव ने रेनू जोगी को दी मात
2009 के चुनाव में यहां प्रत्याशी बदला, लेकिन इस बार फिर भी जीत बीजेपी की हुई. दिलीप सिंह जूदेव ने कांग्रेस की रेनू जोगी को चुनाव हराया था. बता दें कि रेनू जोगी पूर्व सीएम अजीत जोगी की पत्नी हैं. इसके बाद 2014 के चुनाव में बिलासपुर में लखन लाल बाहुबली विजयी रहे, जबकि 2019 में अरुण साव ने जीत हासिल की थी.
फिलहाल सीट है खाली
बता दें कि फिलहाल यह सीट खाली है. दरअसल, पिछली बार अरुण साव इस सीट से सांसद का चुनाव जीते थे. जिन्होंने हाल ही में संपन्न हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव लड़ा था. जहां उन्होंने लोरमी विधानसभा सीट से जीत हासिल की. उनके राज्य की विधानसभा में पहुंचने के बाद यह सीट खाली हो गई. अरुण साव फिलहाल राज्य के डिप्टी सीएम हैं. इससे पहले वह छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष भी थे.
जातीय समीकरण
बिलासपुर एक अर्ध-शहरी संसदीय क्षेत्र है. जहां 2014 के आंकड़ों के अनुसार साक्षरता दर लगभग 71.83% है. इसमें 1.7 मिलियन (17 लाख) से अधिक मतदाता हैं, जिनमें लगभग 891,316 पुरुष और 837,889 महिलाएं शामिल हैं. अनुसूचित जातियां की जनसंख्या लगभग 22.2% हैं, जबकि अनुसूचित जनजातियां की लगभग 13.95% हैं. बता दें कि जातीय समीकरण काफी अहम माने जाते हैं. बिलासपुर में ओबीसी समुदाय बहुसंख्यक है. जिसमें साहू और कुर्मियों की अच्छी खासी आबादी है.
पिछले तीन चुनावों के रिजल्ट
बिलासपुर लोकसभा सीट पर पिछले तीन चुनावों में भाजपा विजयी रही है. 2019 के चुनाव में, भाजपा उम्मीदवार अरुण साव ने 634,559 वोट हासिल कर कांग्रेस उम्मीदवार अटल श्रीवास्तव को हराया था. जिन्हें 4,92,796 वोट मिले थे. इसी तरह, 2014 में, भाजपा के लखन लाल साहू ने कांग्रेस उम्मीदवार करुणा शुक्ला को मात दी थी. वहीं, इससे पहले 2009 के चुनाव में बीजेपी के दिलीप सिंह जूदेव ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रेनू जोगी को कड़े मुकाबले में हराया था. इस चुनाव में दिलीप सिंह जूदेव ने 20,139 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.
चुनाव रिजल्ट 2019
पार्टी | उम्मीदवार | वोट | वोट% |
---|---|---|---|
BJP | अरुण साव | 634,559 | 52.47 |
कांग्रेस | अटल श्रीवास्तव | 4,92,796 | 40.75 |
BSP | उत्तम दास गुरु गोसाई | 21,180 | 1.75 |
चुनाव रिजल्ट 2014
पार्टी | उम्मीदवार | वोट | वोट% |
---|---|---|---|
BJP | लखन लाल साहू | 5,61,387 | 51.48 |
कांग्रेस | करुणा शुक्ला | 3,84,951 | 35.30 |
BSP | धर्म भार्गव | 26,340 | 2.42 |
चुनाव रिजल्ट 2009
पार्टी | उम्मीदवार | वोट | वोट% |
---|---|---|---|
BJP | दिलीप सिंह जूदेव | 3,47,930 | 45.18 |
कांग्रेस | डॉ. रेनू जोगी | 3,27,791 | 42.57 |
BSP | टी. आर. निराला | 20,108 | 2.61 |
बिलासपुर लोकसभा सीट से सांसदों की सूची
साल | विजेता | पार्टी |
---|---|---|
1952 | रेशमलाल जांगड़े | कांग्रेस |
1957 | रेशमलाल जांगड़े | कांग्रेस |
1962 | डॉ. चन्द्रभान सिंह | कांग्रेस |
1967 | अमर सिंह सहगल | कांग्रेस |
1971 | राम गोपाल तिवारी | कांग्रेस |
1977 | निरंजन प्रसाद केशरवानी | जनता पार्टी |
1980 | गोदिल प्रसाद अनुरागी | कांग्रेस |
1984 | खेलन राम जांगड़े | कांग्रेस |
1989 | रेशमलाल जांगड़े | BJP |
1991 | खेलन राम जांगड़े | कांग्रेस |
1996 | पुन्नूलाल मोहले | BJP |
1998 | पुन्नूलाल मोहले | BJP |
1999 | पुन्नूलाल मोहले | BJP |
2004 | पुन्नूलाल मोहले | BJP |
2009 | दिलीप सिंह जूदेव | BJP |
2014 | लखन लाल साहू | BJP |
2019 | अरुण साव | BJP |