CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर वोटिंग के बाद सीएम मोहन यादव अब सबसे ज्यादा यूपी पर फोकस कर रहे हैं. मुख्यमंत्री लगातार प्रचार में जुटे हैं. खास बात यह है कि उनके प्रचार में सबसे ज्यादा निशाने पर परिवारवाद का मुद्दा बना हुआ है. यूपी श्रावस्ती लोकसभा सीट के बलरामपुर में प्रचार के दौरान उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में सभा करते हुए सपा पर जमकर निशाना साधा. 


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समाजवादी पार्टी पर साधा निशाना 


सीएम मोहन यादव ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा 'पार्टी का नाम समाजवादी है, लेकिन काम परिवार वादी जैसा है. इनको कोई दूसरा यादव नहीं मिला तो घर ही घर के लोगों में टिकट बांट दिया. अरे सीखना है तो भाजपा से सीखो भारतीय जनता पार्टी में कोई भी जनता में से सीएम और पीएम बन जाता है. मेरी विधानसभा क्षेत्र में 500 यादव वोटर भी नहीं है, लेकिन फिर भी पार्टी ने मुझे टिकट भी दिया विधायक बनाया और फिर पार्टी ने ही सीएम भी बनाया.'


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मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी में सबको मौका मिलता है, क्योंकि हमारी पार्टी का नाम ही है भारतीय जनता पार्टी यानि जनता की पार्टी. ये लोग मुझ पर निशाना साधते हैं कि मेरा यूपी से क्या संबंध है, अरे मेरा तो पूरे भारत से संबंध है.' बता दें कि सीएम मोहन यादव के पूर्वज यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले थे. 


यादवों पर बीजेपी का फोकस 


दरअसल, सीएम डॉ मोहन यादव ने यूपी के चुनाव में मोर्चा संभाल रखा है. खास तौर पर यूपी की यादव बाहुल्य लोकसभा सीटों पर उन्हें प्रचार के लिए भेजा जा रहा है. क्योंकि यूपी में बिना यादवों को साधे सियासत की राह आसान नहीं रहती है. इसलिए पांचवें और छटवें चरण के प्रचार में यादवों पर आरपार मची हुई है. बीजेपी यादव लैंड में सीएम मोहन यादव के जरिए सपा की काट के तौर पर लगातार प्रचार में जुटी है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी भी यदुवंशियों के सम्मान का उदाहरण दे चुके हैं, जबकि सीएम मोहन यादव भी इस मुद्दे पर सपा और कांग्रेस पर लगातार हमलावर है. मोहन यादव ने अब तक यूपी में जितना प्रचार किया है, उनके निशाने पर सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी ही रही है. वह मैनपुरी में भी प्रचार कर चुके हैं, जो समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. 


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