Jyotiraditya Scindia: मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट सूबे की हाईप्रोफाइल सीट बनी हुई है. क्योंकि बीजेपी के टिकट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने यहां राव यादवेंद्र सिंह यादव को टिकट दिया है. ऐसे में सबकी निगाहें कांग्रेस प्रत्याशी पर टिकी हैं. क्योंकि पहले कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह, जयवर्धन सिंह और अरुण यादव के नाम की चर्चा भी हुई थी. लेकिन पार्टी ने स्थानीय नेता राव यादवेंद्र सिंह को मौका दिया है. जिससे अब यहां मुकाबला दिलचस्प होता दिख रहा है. 


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कांग्रेस ने चला BJP वाला दांव 


बताया जा रहा कि पहले कांग्रेस की सिंधिया के खिलाफ किसी दिग्गज नेता को चुनाव लड़ाने की योजना थी. लेकिन कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है, पार्टी ने सिंधिया के खिलाफ बीजेपी वाला दांव ही चला है जो 2019 में भाजपा ने चला था. पिछले चुनाव में सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, जहां भाजपा ने उनके खिलाफ स्थानीय नेता केपी यादव को टिकट दिया था. जिन्होंने सिंधिया को हराया था. ऐसे में राव यादवेंद्र सिंह के जरिए कांग्रेस स्थानीय नेता वाला दांव ही चला है. राव यादवेंद्र सिंह अशोकनगर जिले से आते हैं और फिलहाल जिला पंचायत सदस्य हैं. माना जा रहा है कि प्रदेश नेतृत्व भी उनके नाम पर सहमत था, जिससे उनके नाम पर मुहर लगी है. 


कौन हैं राव यादवेंद्र सिंह 


दरअसल, राव यादवेंद्र सिंह बीजेपी में ही शामिल थे, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उनके स्वर्गीय पिता देशराज सिंह यादव बीजेपी के विधायक रह चुके हैं. देशराज सिंह यादव भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. अशोकनगर जिले में यादव के परिवार का अच्छा दबदबा माना जाता है. उनके पिता विधायक रह चुके हैं, जबकि परिवार के 6 लोग राजनीति में सक्रिय हैं. यादवेंद्र सिंह खुद जिला पंचायत सदस्य हैं, जबकि उनकी पत्नी जनपद सदस्य, भाई जिला पंचायत सदस्य और मां भी जनपद सदस्य हैं. 


कांग्रेस ने साधे जातिगत समीकरण 


कांग्रेस ने राव यादवेंद्र सिंह यादव के जरिए जातिगत समीकरणों को भी साधा है, क्योंकि गुना लोकसभा सीट में आने वाली मुंगावली, अशोकनगर, चंदेरी, कोलारस, शिवपुरी और पिछोर में यादव वर्ग का दबदबा माना जाता है. ऐसे में पार्टी ने इसी वर्ग से आने वाले नेता को मौका दिया है, खास बात यह है कि राव यादवेंद्र सिंह यादव के पिता देशराज यादव हमेशा सिंधिया परिवार के मुखर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस एक बार फिर से इसी समीकरण को साधकर चलना चाहती है. 


विधानसभा चुनाव में मिली थी हार 


राव यादवेंद्र सिंह विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे, जहां पार्टी ने उन्हें मुंगावली विधानसभा सीट से टिकट दिया था. लेकिन उन्हें विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बृजेंद्र सिंह यादव से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन पार्टी अब उन्हें लोकसभा चुनाव भी लड़ने का मौका दिाय है. दरअसल, गुना लोकसभा सीट ओबीसी बहुल सीट मानी जाती है. गुना और अशोकनगर जिले में इस वर्ग का दबदबा माना जाता है. ऐसे में पार्टी ओबीसी वर्ग को साधने के लिए उन्हें चुनाव लड़ा सकती है. 


सिंधिया ने शुरू किया प्रचार 


बीजेपी ने पहली ही लिस्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था. ऐसे में सिंधिया ने यहां प्रचार भी शुरू कर दिया है. अब कांग्रेस ने भी प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया इससे पहले पांच बार कांग्रेस के टिकट पर गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, जिनमें चार बार उन्हें जीत मिली थी, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब सिंधिया बीजेपी के टिकट पर फिर से इसी सीट से मैदान में हैं. 


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