Lok Sabha Elections: कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में तीन और लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है, इन तीन प्रत्याशियों में पार्टी का युवा और अनुभव का समीकरण बनाते हुए दिखा है.
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Congress Candidates List Analysis: कांग्रेस ने तीन अहम लोकसभा सीटों पर बुधवार की रात प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया, कांग्रेस ने गुना लोकसभा सीट पर स्थानीय नेता राव यादवेंद्र सिंह यादव, दमोह में पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी और विदिशा में पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को टिकट दिया है, तीनों प्रत्याशियों पर गौर किया जाए तो इन्हें टिकट देने के अलग-अलग मायने नजर आते हैं, खास बात यह है कि इन तीन प्रत्याशियों में कांग्रेस ने क्षेत्रीय, जातिगत और अनुभव तीनों का संतुलन बनाने की कोशिश की है. ऐसे में इन सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो सकता है.
गुना में राव यादवेंद्र सिंह यादव
गुना लोकसभा सीट मध्य प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट मानी जा रही है, क्योंकि बीजेपी ने यहां से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उतारा है, ऐसे में कांग्रेस एक ऐसे प्रत्याशी की तलाश में थी, जो क्षेत्रीय और जातिगत दोनों समीकरणों को साध सके. ऐसे में पार्टी ने मुंगावली के राव यादवेंद्र सिंह यादव को टिकट दिया है. यादवेंद्र सिंह यादव पूर्व विधायक स्वर्गीय देशराज सिंह यादव के बेटे हैं, जो खुद सिंधिया के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में जब सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, तब बीजेपी के केपी यादव ने उन्हें चुनाव हराया था, ऐसे में कांग्रेस ने बीजेपी की पुरानी रणनीति को अपनाते हुए सिंधिया के खिलाफ फिर एक बार यादव वर्ग से आने वाले नेता को टिकट दिया है.
राव यादवेंद्र सिंह यादव का पूरा परिवार राजनीति से जुड़ा है, उनके भाई जिला पंचायत सदस्य, मां जनपद सदस्य, पत्नी जनपद सदस्य रह चुकी है, जबकि राव यादवेंद्र सिंह यादव भी जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं, इसके अलावा पिता के विधायक रहने से बड़ी राजनीतिक विरासत हैं, 2023 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह मुंगावली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. पार्टी ने अब फिर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
दमोह में कांग्रेस ने साधा जातीय समीकरण
वहीं बात अगर दमोह लोकसभा सीट की जाए तो यहां पार्टी जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी को टिकट दिया है. तरबर सिंह लोधी सागर जिले की बंडा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे, लेकिन दमोह लोधी बहुल लोकसभा सीट मानी जाती है, ऐसे में पार्टी ने फिर से उन पर दांव लगाया है, दमोह लोकसभा में आने वाली, दमोह, बड़ामलहरा, बंडा, देवरी, जबेरा, पथरिया और हटा विधानसभा सीटों पर लोधी वर्ग की सीधी पकड़ मानी जाती है, ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां पिछले कई चुनावों से इसी वर्ग पर दांव लगाती आ रही है. बीजेपी ने भी यहां से पूर्व विधायक राहुल सिंह लोधी को टिकट दिया है, ऐसे में कांग्रेस ने भी इसी वर्ग से आने वाले तरवर सिंह लोधी को मौका दिया है. तरवर सिंह लोधी जिला पंचायत सदस्य और 2018 में विधायक रह चुके हैं.
विदिशा में अनुभव पर दांव
बात अगर विदिशा लोकसभा सीट की जाए तो यहां कांग्रेस ने अनुभव पर भरोसा जताया है, पार्टी ने यहां से दो बार सांसद रह चुके प्रताप भानु शर्मा को टिकट दिया है. प्रताप भानु शर्मा 1980 और 1984 में विदिशा से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं, ऐसे में पार्टी ने एक बार फिर लंबे समय बाद उन पर दांव लगाया है, क्योंकि विदिशा सीट ब्राह्राण वर्ग प्रभावी भूमिका में नजर आता है, जबकि प्रताप भानु शर्मा के पास जातिगत समीकरणों को साधने के साथ-साथ पुराना सियासी अनुभव भी है, ऐसे में पार्टी ने इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्हें मौका दिया है. बीजेपी ने यहां से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को टिकट दिया है. ऐसे में कांग्रेस विदिशा में अनुभव का तरहीज दी है. प्रताप भानु शर्मा लंबे समय बाद लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
तीन सीटों पर अभी भी होल्ड
मध्य प्रदेश की 29 में से 25 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है, जबकि तीन सीटें ग्वालियर, मुरैना और खंडवा पर अभी भी होल्ड लगा हुआ है. इसके अलावा खजुराहो लोकसभा सीट पर इस बार केवल समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ेगी. खास बात यह है कि अब तक कांग्रेस पांच सीटों पर सिटिंग विधायकों को टिकट दे चुकी है, तो कई सीटों पर पूर्व विधायकों को भी मौका दिया है. पहले चरण में होने वाली 6 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी नामांकन जमा कर चुके हैं.
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