MP News: झाबुआ के तहसील कार्यालय में लोगों के साथ ठगी करने का मामला सामने आया है. दरअसल, तहसील मुख्यालय में नामांतरण, आपत्ति, न्यायालय कार्य, बटवारा, सीमांकन के लिए जो आवेदन कराए जाते हैं, उन पर दुकानदार ज्यादा पैसे ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि  दलाल के माध्यम से तय शुदा दुकान पर आवेदन कर्ता को लेकर जाकर 20 रुपए के आवेदन और 100 रुपए के चालान के 800 से 2000 रुपए तक लिए जा रहे हैं. मंगलवार के दिन इस तरह के मामलों का खुलासा हुआ है. 


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इस तरह हुआ खुलासा 


दरअसल, मंगलवार के दिन तहसीलदार एचएस निगवाल ने कुछ ऐसे मामलों की पड़ताल की जिसमें आवेदनकर्ताओं से ज्यादा पैसे लेने की बात सामने आई. तहसीलदार के पास आवेदन को मार्क करवाने के लिए पहुंच रहे आवेदनकर्ताओं से जब तहसीलदार ने पूछा कि आपसे आवेदन के कितने रुपए लिए तो आवेदनकर्ता ने बताया कि 800,1000 से 2000 तक की राशि अलग-अलग आवेदन के बदले ली गई है. जिस पर तहसीलदार भी आश्चर्यचकित रह गए. क्योंकि चार कागज लगे आवेदन का 20 रुपए और चालान का मात्र 100 रुपए होता है उसके बाद भी आवेदनकर्ता से ज्यादा रुपए वसूल लिए गए. 


ज्यादातर ग्रामीण 


जांच में पता चला कि जिन लोगों से ज्यादा पैसे लिए गए हैं वह ज्यादातर ग्रामीण है, मुख्य रूप से आवेदन और उसमें लिखी जाने वाली जानकारी का अभाव होने के कारण यह वर्ग तहसील व एसडीएम कार्यालय के आसपास चक्कर लगाते हुए दलालों के जाल में फंस जाते हैं और फिर दलाल दुकानों या परिचित के पास आवेदन लिखवाने के लिए पहुंचा देते हैं, जिसके बाद इन से ज्यादा पैसे वसूल लिए जाते हैं. बताया गया है कि तहसील कार्यालय में क्षेत्र के कई ऐसे लोग है जो आवेदन लिखने का काम करते हैं बदले में जिस काम के 50 से 100 रुपए लिए जाना चाहिए उसके बदले कई गुना राशि 1000 से 2000 रुपए तक वसूली जाती है, मामला सामने आने के बाद एसडीएम और तहसीलदार ने इस मामले में जांच के आदेश जारी किए हैं.


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एसडीएम अनिल कुमार राठौर को भी इस संबंध में कई आवेदनकर्ताओं ने शिकायत दर्ज करवाई है. इसके बाद एसडीएम ने तहसीलदार को इसकी जांच कर कार्रवाई के लिए कहा है. तहसीलदार हुकुमसिंह निगवाल ने पटवारी के साथ टीम बनाकर ऐसे आवेदक लेखक की जांच करने के निर्देश जारी भी कर दिए हैं. 


मंगलवार को तहसील कार्यालय में तहसीलदार के समक्ष आवेदन लेकर पहुंचे बसंतीलाल कीर, सातेर कावेरी कीर से दो आवेदनो के नाम पर 14 सौ रुपए तो राजाराम कटारा रुपारेल से भूमि सीमांकन के आवेदन टाइप करने के लिए 800 रुपए वसूल किए गए थे. जिसके बाद यह पूरा मामला सामने आया था. 


झाबुआ से उमेश चौहान की रिपोर्ट 


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