आनंद महिंद्रा ने क्यों कहा- मैं फिर से खरीदने जा रहा हूं ये 108 साल पुराना साबुन, Video ने चौंकाया
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आनंद महिंद्रा ने क्यों कहा- मैं फिर से खरीदने जा रहा हूं ये 108 साल पुराना साबुन, Video ने चौंकाया

Anand Mahindra Viral Video: महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने हाल ही में एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए मायसोर सैंडल सोप की तारीफ की. यह भारतीय धरोहर ब्रांड कर्नाटका सोप्स और डिटर्जेंट्स लिमिटेड (KSDL) द्वारा निर्मित है और इसका इतिहास 1916 से जुड़ा हुआ है.

 

आनंद महिंद्रा ने क्यों कहा- मैं फिर से खरीदने जा रहा हूं ये 108 साल पुराना साबुन, Video ने चौंकाया

Anand Mahindra Mysore Sandal Soap: महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने हाल ही में एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए मायसोर सैंडल सोप की तारीफ की. यह भारतीय धरोहर ब्रांड कर्नाटका सोप्स और डिटर्जेंट्स लिमिटेड (KSDL) द्वारा निर्मित है और इसका इतिहास 1916 से जुड़ा हुआ है. आनंद महिंद्रा ने एक वीडियो के जरिए इस साबुन के निर्माण प्रक्रिया को शेयर किया और बताया कि यह ब्रांड अब भी जीवित और प्रासंगिक है, जो भारतीय घरों में अपनी खास जगह बनाए हुए है.

मायसोर सैंडल सोप का ऐतिहासिक सफर

मायसोर सैंडल सोप का निर्माण 1916 में महाराजा कृष्णराज वोडेयर और दीवान एम. विश्वेश्वरैया के द्वारा स्थापित 'गवर्नमेंट सैंडलवुड ऑयल फैक्ट्री' में हुआ था. इस फैक्ट्री का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले चंदन तेल का उत्पादन करना था, जिसे बाद में भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरू में विकसित किया गया और यह तेल ग्लोबल लेवल पर मशहूर हुआ. इस साबुन की विशेषता इसका शुद्ध चंदन तेल है, जो भारतीय घरेलू उपयोग का एक अहम हिस्सा बन चुका है.

KSDL रोजाना 10 से 12 लाख वाड़े साबुन का उत्पादन करती है. इसके अलावा, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और चेन्नई सुपर किंग्स के एमएस धोनी भी एक समय इस मायसोर सैंडल सोप के ब्रांड एंबेसडर रह चुके हैं.

महाराजा का विजन और साबुन का उदय

मायसोर सैंडल सोप के उत्पादन की प्रेरणा एक उपहार से मिली चंदन तेल साबुन से थी. इसके बाद एसजी शास्त्री ने 1918 में लंदन में प्रशिक्षित होकर मायसोर सैंडल सोप का निर्माण शुरू किया, जिसमें चंदन तेल को प्राकृतिक आवश्यक तेलों के साथ मिश्रित किया गया. इस साबुन को भारत का "फ्रैगेंस एम्बेसडर" कहा जाता है, जो अपनी गुणवत्ता और धरोहर के लिए प्रसिद्ध है.

 

 

महिंद्रा का वीडियो और वायरल प्रतिक्रिया

आनंद महिंद्रा ने इस साबुन के निर्माण की प्रक्रिया को दर्शाते हुए एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं, "इस क्लिप को देखकर पुरानी यादें ताजा हो गईं. खुशी हुई यह देखकर कि यह साबुन अब भी जीवित है और फल-फूल रहा है. अब मैं इसे फिर से खरीदने वाला हूं और परंपरा की खुशबू का आनंद लूंगा." यह वीडियो बेंगलुरू के कंटेंट क्रिएटर शिव राय द्वारा बनाया गया था और इंस्टाग्राम पर 23.8 मिलियन व्यूज़ के साथ वायरल हो गया. आनंद महिंद्रा की पोस्ट ने भी एक्स पर 5 लाख से अधिक व्यूज मिले और साबुन की धरोहर पर चर्चाओं को जन्म दिया.

कई यूजर्स की आई प्रतिक्रियाएं

यूजर्स ने इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं. एक यूजर ने लिखा, "मायसोर सैंडल सबसे अच्छा साबुन है, इसमें कोई रसायन नहीं है जो आपके टेस्टोस्टेरोन स्तर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करें. हर भारतीय को इसे एक बार जरूर ट्राई करना चाहिए." दूसरे यूजर ने कहा, "यह ऐतिहासिक और विंटेज है, मायसोर महाराजा ने अपने वैज्ञानिकों को यूके भेजकर साबुन तकनीकी का अध्ययन कराया और इस फैक्ट्री की स्थापना की. 60 के दशक में यह एक ऐसा साबुन था जिसे सभी परिवार उपयोग करते थे. इसे संरक्षित किया जाना चाहिए और पूरे भारत में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचा जाना चाहिए."

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