उमंग सिंघार को लेकर क्यों गर्म हुआ सियासी बाजार, कहा-आरजू अधूरी ही रहेगी
Umang Singhar: मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को लेकर सियासी बाजार गर्म नजर आ रहा है, हालांकि जिस बात की अटकलें चल रही है उस पर उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए सफाई दी है.
Umang Singhar Social Media Post: मध्य प्रदेश में अब तक कांग्रेस के कई बड़े नेता पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, इस बीच विपक्षी दल के नेता उमंग सिंघार को लेकर भी कई तरह की अटकलें सियासी हलकों में चल रही थी, कई जगह तो दावा किया गया था कि सिंघार बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, हालांकि सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने सभी अटकलों को खारिज किया है. उमंग सिंघार ने लिखा कि यह आरजू अधूरी ही रहेगी.
सोशल मीडिया पर दी सफाई
उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो के साथ पोस्ट करते हुए लिखा 'मैंने सिद्धांतों की लड़ाई लड़ी है और लड़ता रहूंगा. जो लोग मेरे भाजपा में जाने को लेकर अनर्गल अफवाह उड़ा रहे हैं, वे शायद अभी उमंग सिंघार के व्यक्तित्व से परिचित नहीं है. मैं सिद्धांतों की राजनीति करता हूं और करता रहूंगा. भाजपा की मुझे पार्टी में लाने की आरजू अधूरी रहेगी. अफवाह उड़ाने वालों के लिए मैं बस यही कहूँगा के दिल को बहलाने के लिए ये ख्याल भी अच्छा है गालिब.' उमंग सिंघार की पोस्ट के बाद फिलहाल अटकलों पर विराम लगता हुआ नजर आ रहा है.
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बता दें कि उमंग सिंघार लगातार चौथी बार धार जिले की गंधवानी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं, 2023 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. उमंग सिंघार मध्य प्रदेश की पूर्व उपमुख्यमंत्री जमुना देवी के भतीजे हैं, जमुना देवी भी मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष रह चुकी है. ऐसे में जब लोकसभा चुनाव के बीच उमंग सिंघार के पाला बदलने की चर्चा चली तो सियासी गलियारों में हड़कंप मचा हुआ था, क्योंकि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब सिंघार के बीजेपी में जाने की चर्चा चली हो, इससे पहले भी ऐसी चर्चाएं चल चुकी हैं.
रावत ने छोड़ी कांग्रेस
बता दें कि अब तक कई नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, मंगलवार को भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था, श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभआ सीट से 6 बार के कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत बीजेपी शामिल हो गए, उनके साथ मुरैना की महापौर शारदा सोलंकी भी बीजेपी में शामिल हुई है. वहीं विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक मध्य प्रदेश में कई बड़े नेता पाला बदल चुके हैं.
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