प्रदीप शर्मा/भिंड: मध्य प्रदेश के भिंड जिले के पुलिस कप्तान नागेंद्र सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले रेत के अवैध खनन को लेकर डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) की छापामार कार्रवाई फिर वसूली और अब एक वायरल ऑडियो ने भिंड पुलिस अधीक्षक (SP) व पुलिस विभाग पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इस वायरल ऑडियो में भिंड एसपी नागेंद्र सिंह पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से भिंड में चल रहे घटनाक्रम को लेकर 'मन की बात' करने के आरोप लगे हैं. पुलिस वायरलेस पर बात करते हुए उन्होंने सभी कर्मचारियों-अधिकारियों से अपने-अपने स्तर पर बात करने का निवेदन किया है. वहीं खराब पुलिसिंग को लेकर भी ऑडियो में चर्चा की है.


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इस ऑडियो के वायरल होने पर पुलिस कप्तान नागेंद्र सिंह पर रेत माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं. आपको बता दें कि कभी डकैतों के लिए मसहूर 'चंबल' अब रेत के अवैध खनन और खनिज के नाम पर हर दिन लाखों-करोड़ों की उगाही के लिए चर्चा में है. इन सब के पीछे पुलिस कप्तान नागेंद्र सिंह से तार जोड़े जा रहे हैं.  


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पुलिस अधीक्षक नागेंद्र सिंह भींड से पहले श्योपुर में तैनात थे, लेकिन तत्कालिक कांग्रेस सरकार ने उन्हें भींड की जिम्मेदारी दी थी. नागेंद्र सिंह श्योपुर से भिंड आए तो उनके साथ ही श्योपुर में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक और आरक्षक वाहन चालक भी भिंड गए. आरक्षकों की तैनाती भले ही श्योपुर में थी, लेकिन वह भिंड में ही कार्यरत रहे. यह सब किसकी अनुमति से हुआ किसी को कुछ पता नहीं चला.


हालांकि डीआईजी राजेश हिंगणकर को जब इस बात की शिकायत मिली कि दोनों पुलिसकर्मियों की तरफ से भिंड जिले में काम करते हुए थाना प्रभारियों से वसूली की जा रही है. जब इसकी जांच उन्होंने की तब जाकर सच्चाई पता चली. इस घटना के बाद डीआईजी हिंगणकर ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था और दोनों को डीआईजी कार्यालय मुरैना से अटैज कर दिया था.


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DIG की जांच में कुछ दिनों बाद चला कि पुलिसकर्मी भिंड एसपी के नाम से वसूली करते थे. थाना प्रभारियों को भी बात-बात पर ट्रांसफर कर दिया जाता था. ऐसे में पिछले दिनों विभागीय उठापटक में कई थानेदारों का ट्रांसफर हुआ है. इनमें कईयों की लाइन हाजिर भी हुई है. अब ऑडियों वायरल होने के बाद एसपी भी संदेह के घेरे में आ गए हैं. डीआईजी ने उनके खिलाफ इन मामलों में संलिप्तता को लेकर जांच कमिटी गठित कर दी है. इसकी जिम्मेदारी एडिशनल एसपी संजीव कंचन को दी गई है.


भिंड में पिछले 15 दिनों में तीन बड़ी कार्रवाईयों को अंजाम दिया गया है. ये कार्रवाई रेत के अवैध खनन को लेकर की गई. इन मामलों में कार्रवाई चंबल रेंज के डीआईजी राजेश हिंगणकर ने छापा मारकर की थी. वहीं दूसरा मामला 27 मई को सामने आया, जहां चंबल डीआईजी हिंगणकर ने करीब आधा दर्जन रेत खदानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान उन्होंने 60 लाख से ज्यादा का रेत उत्खनन जप्त किया था. इस मामले में उन्होंने तीन थाना प्रभारियों को भी निलंबित कर दिया था.


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इस मामले की आंच राजधानी भोपाल तक भी पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि कप्तान नागेंद्र सिंह के इस कदम से सीएम शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी नाराज हैं. चर्चा ये भी चल रही है कि भिंड से नागेंद्र सिंह का जल्द बुलावा आ सकता है. वहीं लगातार रेत और वसूली के मामले में एसपी नागेंद्र सिंह को लेकर एक रिपोर्ट भी डीआईजी की तरफ से भोपाल भेजी गई है.


खराब पुलिसिंग को लेकर वायरल हुए ऑडियो को लेकर पुलिस कप्तान नागेंद्र सिंह सामने नहीं आ रहे हैं. इस मामले में को लेकर जब उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन भी बंद आ रहा था. बताया जा रहा है कि पुलिस कप्तान नागेंद्र सिंह बंगले पर ही समय बीता रहे हैं. अब देखना यह होगा कि इस मामले में वे क्या सफाई देते हैं या फिर जिले से उनकी बिदाई हो जाएगी.


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