भोपालः मध्य प्रदेश उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस में कायापलट की तैयारी शुरू हो गई है. इसके तहत पार्टी संगठन की मजबूती पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है. खबर के अनुसार, कांग्रेस पार्टी में परफॉरमेंस ऑडिट किया जाएगा. इसी परफॉरमेंस ऑडिट के आधार पर पार्टी संगठन में पद और जिम्मेदारी देगी. 


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मध्य प्रदेश कांग्रेस में नए सिरे से गाइडलाइन बन रही है, जिसके आधार पर ही प्रदेश और जिलों में पार्टी नेताओं को पद दिए जाएंगे. पद देने में योग्यता का ध्यान रखने के अलावा जवाबदेही भी तय की जाएगी. इसके लिए पदाधिकारियों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा और प्रदेश, जिले और ब्लॉक के पदाधिकारियों की हर 6 माह में समीक्षा भी की जाएगी.


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रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही नेताओं को आगे जिम्मेदारी दी जाएगी और जो नेता पार्टी की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरेंगे उन्हें पार्टी द्वारा पद से हटा दिया जाएगा. हालिया चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन से नेतृत्व इतना खिन्न है कि उसने सिफारिश के आधार पर किसी को कोई पद नहीं देने का फैसला किया है. 


पार्टी संगठन में जो नेता परफॉर्म नहीं करेंगे उन्हें भी पद से हटा दिया जाएगा और कार्यकर्ता के काम के आधार पर ही उसका आकलन किया जाएगा. कांग्रेस ने आगामी 2023 विधानसभा चुनाव के लिए अभी से ही कमर कस ली है. साथ ही आगामी नगरीय, निकाय और पंचायत चुनाव पर भी पार्टी की नजर है. 


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बता दें कि मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिनमें से भाजपा ने 19 और कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है. मध्य प्रदेश में उपचुनाव काफी अहम थे और शिवराज सिंह चौहान की सरकार का भविष्य इन उपचुनाव के नतीजों पर टिका था. कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख भी इन चुनाव में दांव पर लगी थी. हालांकि भाजपा ने उपुचनाव में शानदार जीत हासिल कर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. 


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