मुश्ताक और उनका परिवार पिछले 20 सालों से न सिर्फ अपने गांव बल्कि आसपास के गांवों के लोगों की प्यास बुझाने का काम निःशुल्क और निःस्वार्थ भाव से कर रहे हैं.