अशोकनगर: लंबरदार मोहल्ला में स्थित श्रीराम जानकी मंदिर की पूजा अर्चना करने को लेकर एक पुजारी की फाइल करीब पौने दो साल से अटकी हुई है. इस कारण मंदिर का पुजारी कौन होगा इसका फैसला प्रशासन नहीं कर पा रहा है. मंगलवार को पुजारी के सब्र का बांध टूटा और वह प्रशासनिक अधिकारियों को जगाने के लिए बैंड-बाजों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचा और मुख्य गेट के पास लग पेड़ पर भगवान की तस्वीर टांगकर पूजा करने लगा.


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प्रशासन के लिए सदबुद्धि अनुष्ठान
हरिओम शर्मा ने कहा कि तहसील प्रशासन के लिए वह सदबुद्धि अनुष्ठान कर रहे है. प्रतिदिन कलेक्ट्रट और तहसील में बैठकर 1 घंटे राम नाम का जाप करेंगे.


प्रशासन के आदेश का पलीता लगा रहे
पुजारी ने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री धार्मिक कार्यों के लिए हजारों करोड़ों रुपये खर्च कर धर्म स्थलों को विकसित करने के लिए नई-नई योजनाएं ला रहे हैं. वहीं अशोकनगर में जिला प्रशासन के आदेश के बावजूद तहसील प्रशासन मुख्यमंत्री के आदेशों में पलीता लगाने में लगे हुए है.


अभी तक पुजारी नियुक्त नहीं किया
पुजारी ने कहा कि अपर कलेक्टर ने 13 फरवरी 2018 को पूर्व पुजारी की अपील को निरस्त कर आदेश दिया था कि धनुषधारी, रामजानकी माफी ओकाफ लंबरदार मोहल्ला स्थित मंदिर की आरती पूजा की व्यवस्था नवीन पुजारी से अविलंब नियुक्त कर कराई जाए किन्तु अपर कलेक्टर के आदेश के बावजूद तहसील प्रशासन इसे मानने को तैयार नहीं है. मेरे द्वारा जुलाई 2018 में पुजारी पद के लिए आवेदन देने के बाद भी जिसमें आवश्यक दस्तावेज, मार्कशीट, पुलिस सत्यापन, स्थानीय भक्तों के पंचनामा व अन्य संपूर्ण औपचारिकताएं पूर्ण कर दिए गए थे किन्तु अब तक पुजारी की नियुक्ति नहीं की गई. मैं तभी से नियमित रूप से आरती पूजा की व्यवस्था कर रहा हूं.


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मेरे अलावा और तीन आवेदन आए
हरिओम शर्मा ने बताया कि मेरे आवेदन के पश्चात तीन आवेदन और फाइल में सम्मिलित किए गए है, उक्त आवेदन किसने दिए हैं और वह आवेदक आज तक तहसील में हाजिर क्यों नहीं हुए?


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