बृजकिशोर कुठियाला की नियुक्ति 19 जनवरी 2010 को हुई थी. इनपर आरोप थे कि इन्होंने अपने 8 साल 3 महीने के कार्यकाल में संघ से जुड़े लोगों को फायदा पहुंचाया.
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भोपाल: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल (MCU) के पूर्व कुलपति प्रो. बीके कुठियाला समेत 20 प्रोफेसरों को आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू (EOW) ने क्लीनचिट दे दी है. इस केस में ईओडब्ल्यू ने दर्ज की हुई एफआईआर की क्लोजर रिपोर्ट लगाई है. यह क्लोजर रिपोर्ट जिला न्यायालय में पेश कर दी गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए दोष सिद्ध नहीं हुए है.
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कमलनाथ के कार्यकाल में की गई थी एफआईआर
कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. यह एफआईआर ईओडब्ल्यू ने रजिस्ट्रार दीपेंद्र सिंह की जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की थी. क्लोजर रिपोर्ट के मुताबिक सभी आरोपियों पर आरोप सिद्ध नहीं हो सके. बता दें कि इस मामले में ईओडब्ल्यू ने कुठियाला से कई बार घंटों पूछताछ की थी, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया.
यह थे आरोप
बृजकिशोर कुठियाला की नियुक्ति 19 जनवरी 2010 को हुई थी. इनपर आरोप थे कि इन्होंने अपने 8 साल 3 महीने के कार्यकाल में संघ से जुड़े लोगों को फायदा पहुंचाया. उन्होंने खुद तो लंदन की यात्रा की ही, साथ ही अपनी पत्नी को भी विवि के खर्चे पर यात्रा कराई. इस राशि को 5 महीने बाद एडजस्ट किया गया. वहीं विश्वविद्यालय खर्च पर 13 ऐसे टूर किए गए जिसमें प्रशासनिक व वित्तीय नियमों का सीधे तौर पर उल्लंघन किया गया था. खुद की ब्लैडर सर्जरी के लिए, आंख के ऑपरेशन के लिए भी भुगतान विवि से प्राप्त किया. उन पर यह आरोप भी लगे की विवि के पैसे से महंगी शराब खरीदी गई.
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इस मामले में पूर्व कुलपति बृजकिशोर कुठियाला के अलावा, डॉ अनुराग सीठा, डॉ पी शशिकला, डॉ पवित्र श्रीवास्तव, डॉ अविनाश वाजपेयी, डॉ अरूण कुमार भगत, प्रो संजय द्विवेदी, डॉ मोनिका वर्मा, डॉ कंचन भाटिया और डॉ मनोज कुमार पचारिया, इसके अलावा डॉ आरती सारंग, डॉ रंजन सिंह, सुरेंद्र पाल, डॉ सौरभ मालवीय, सूर्य प्रकाश, प्रदीप कुमार डहेरिया, सतेंद्र कुमार डहेरिया, गजेंद्र सिंह अवश्या, डॉ कपिल राज चंदोरिया और रजनी नागपाल भी इस मामले में आरोपी थे.
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