भोपालः मध्य प्रदेश की राजधानी में कल शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की क्षेत्रीय बैठक आयोजित की गई. प्रदेश के कई कार्यकर्ताओं के समक्ष संघ के संचालक ने अपनी बातें रखी. उन्होंने इस दौरान कहा कि समाज में स्वावलंबन (आत्मनिर्भरता) का भाव स्थापित करना है. इसके लिए समाज को प्रयास करना होगा. वे बोले कि सरकारों के भरोसे समाजिक परिवर्तन संभव नहीं है. समाज के परिवर्तन तो सामाजिक नेतृत्व के कारण ही संभव होते हैं. 


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कोरोना से समाज का विश्वास बढ़ा
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना ने समाज में आत्मनिर्भरता का भाव पैदा किया है. भागवत ने कहा कि इस महामारी में नए कार्यकर्ताओं के आने से समाज में नई ऊर्जा के साथ काम किया जा रहा है. वे साथ ही बोले कि सामाजिक नेतृत्व से ही परिवर्तन संभव है, ये सरकारों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है. कोरोना के सभी प्रश्नों के उत्तरों को समाज ने ही एकजुट होकर हल किया है.


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'शाखा के छोटे रूपों को मैदान पर लाएंगे' 
मोहन भागवत ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के समय में संघ का कार्य वर्चुअल रूप से चल रहा है. कोरोना की विपरित परिस्थितियों ने सभी को परेशान किया, किंतु अब समाज के कार्य को आगे बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि संघ की सभी अर्हताओं (योग्यताओं) को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ताओं को प्रत्यक्ष जमीनी स्तर पर लाना है. शाखाओं को मैदान पर छोटे-छोटे समूह में ले जाना है. 


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अधिकारी बोले पर्यावरण संरक्षण की जरूरत
भोपाल में आयोजित हुई बैठक में अधिकारी वर्ग भी मौजूद था. उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि देशभर में पर्यावरण संरक्षण हेतु स्वयंसेवकों के द्वारा कई प्रकल्प (project) चलाए जा रहे हैं. जिनमें जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण के लिये समाज को प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिये जागरूक करना. इसके साथ ही कार्यकर्ताओं द्वारा वृक्षारोपण कर लोगों को वृक्षों की महत्ता समझायी जा रही है. उन्होंने कहा कि समाज को इस वक्त पर्यावरण संरक्षण की जरूरत ही है.   


इसके साथ ही आरएसएस के संघसंचालक मोहन भागवत ने भोपाल में आयोजित अपनी बैठक को समाप्त किया. 


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