नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने 22 मार्च को केन-बेतवा लिंक परियोजना (केबीएलपी) को लागू करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया. केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट समझौता नदियों को आपस में जोड़ने और विभिन्न राज्यों के बीच सहयोग के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण को लागू करने की दिशा में एक शुरुआत है.


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यह नदियों को आपस में जोड़ने की राष्ट्रीय स्तर की अपनी तरह की पहली परियोजना भी है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयपेयी का मानना था कि नदियों को आपस में जोड़कर जल की अधिकता वाले क्षेत्रों से अतिरिक्त पानी को सूखा प्रभावित क्षेत्रों में लाया जा सकेगा. इसके लिए कॉन्क्रीट की नहरों के माध्यम से नदियों को जोड़ा जाएगा. भारत में वर्षा का स्वरूप बहुत ही विषम है. देश में लगभग 100 दिलों में अधिकांश वर्षा होती है.



इसके अलावा भौगोलिक विविधताओं के कारण, भारत में दुनिया के कुछ सबसे सूखे और आर्द्र स्थान भी हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए सिंचाई मंत्रालय ने जल की अधिकता वाले बेसिन क्षेत्रों से पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पानी को स्थानांतरित करने की यह राष्ट्रीय योजना तैयार की थी. इस योजना में ही केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट भी शामिल है. इस परियोजना में दाऊधन बांध बनाकर केन और बेतवा नदी को 221 किलोमीटर लंबी नहर के जरिए जोड़ा जाएगा.


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इस परियोजना से प्रति वर्ष 10.62 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं, लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति और 103 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन होगा. यह परियोजना बुन्देलखंड क्षेत्र में पानी की भयंकर कमी से प्रभावित क्षेत्रों के लिए अत्यधिक लाभकारी होगी जिसमें मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले तथा उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले शामिल हैं.


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राष्ट्रीय नदी विकास एजेंसी (National River Development Agency) द्वारा देश में प्रस्तावित 30 नदी जोड़ो परियोजनाओं में एक केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट भी है. यह समझौता भारत सरकार की मध्यस्थता द्वारा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों के बीच काफी लंबे समय बाद बनी सहमति से अस्तित्व में आया है. इसकी अनुमानित लागत लगभग 45000 करोड़ है, जिसका 90 प्रतिशत केन्द्र सरकार वहन करेगी. इसमें मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र शामिल है. केन-बेतवा लिंक परियोजना देश में अन्य स्थानों पर नदी जोड़ो परियोजना को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. 


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