भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने के बहुत करीब नजर आ रही है. ऐसी खबरें हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावती रुख अख्तियार कर लिया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस में तीन गुट हैं, पहला कमलनाथ, दूसरा दिग्विजय सिंह और तीसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया. ​सिंधिया गुट के 17 विधायक इस समय बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में ये भी खबरें आ रही हैं कि वह अपने पिता माधवराव सिंधिया की जम्न जयं​ती (10 मार्च) पर भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर सकते हैं. सिंधिया भाजपा में शामिल होंगे, उनके गुट के विधायक मध्य प्रदेश विधानसभा की ​सदस्यता से इस्तीफा देंगे और कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी.


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क्या गिर चुकी है मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार? 
इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, 'कुछ तो वजह रही होगी, यूँ ही कोई बेवफा नहीं हो सकता.' नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'भाजपा ने विधायक दल की बैठक अचानक नहीं बुलाई. बहुत सोचसमझ कर बुलाई है. ये बीजेपी है, तहे दिल से सबका स्वागत होगा. जहां तक मेरी राजनीतिक समझ है, कमलनाथ सरकार गिर गई है.' इस बीच दिल्ली में पत्रकारों ने शिवराज सिंह चौहान से जब मध्य प्रदेश की सियासत पर सवाल किया तो उन्होंने इसे कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला बताया.


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सिंधिया और पीएम मोदी की हो चुकी है मुलाकात?
इस बीच सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार रात को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर चुके हैं. ये भी कहा जा रहा है कि बड़ौदा राजपरिवार की मध्यस्थता पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और पीएम मोदी की मुलाकात हुई. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजेगी और बाद में उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा. वहीं सिंधिया समर्थक कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद भाजपा मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी हो जाएगी. भाजपा विधायक दल की आज होने वाली बैठक में शिवराज सिंह चौहान को नेता चुना जा सकता है और वह एक बार फिर से मध्य प्रदेश की कमान संभाल सकते हैं.


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