अटलजी की सरकार में मंत्री रहे नेता ने कहा, यदि टिकट नहीं मिला तो भी लड़ेंगे चुनाव
बीजेपी के सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक है सरताज सिंह.
भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की पहली सूची आने के बाद बगावती तेवर लगातार बढ़ रहे हैं. सूबे के बुजुर्ग नेता सरताज सिंह ने भी टिकट न मिलने की स्थिति में बगावत के संकेत दिए हैं. बीजेपी के सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक है सरताज सिंह. वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे, उसके बाद राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, मगर उनसे लगभग डेढ़ साल पहले उम्र का हवाला देकर मंत्री पद से इस्तीफा ले लिया गया था.
इस बार सरताज सिंह का टिकट काटने की तैयारी चल रही है. सरताज सिंह जिस क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं, वहां से अभी उम्मीदवार तय नहीं हुआ है. टिकट कटने की चर्चाओं के बीच सरताज सिंह ने रविवार को यहां संवाददाताओं से चर्चा करते हुए साफ कर दिया कि वह अगला चुनाव लड़ने के लिए अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से चर्चा करेंगे, उसके बाद ही कोई फैसला करेंगे.
फिलहाल सरताज सिंह के विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा के लिए उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. उसके बावजूद चर्चाएं यही है कि भाजपा बुजुर्ग नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर के साथ सरताज सिंह का टिकट काटने का मन बना चुकी है.
MP चुनाव 2018: 44 साल से गोविंदपुरा के किंग रहे हैं बीजेपी के बाबूलाल गौर
बाबूलाल गौर
इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू और महापौर कृष्णा गौर ने गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से हर हाल में चुनाव लड़ने की बात कही है. कृष्णा गौर के मुताबिक 'परिवारवाद को लेकर जो सवाल उठाए जा रहे हैं उससे मेरा मन बहुत आहत है. मैंने और मेरे परिवार ने हमेशा ही संगठन के लिए काम किया है, लेकिन अब परिवारवाद की बात की जा रही है. जब अन्य नेता-मंत्रियों के परिवार और रिश्तेदारों को टिकट दी जा रही है तो मेरे साथ भेदभाव क्यूं ? गोविंदपुरा से मेरे परिवार का बरसों पुराना नाता रहा है, इसलिए मैं किसी भी हालत में गोविंदपुरा से चुनाव लड़ूंगी.'
टिकट न मिलने पर इस्तीफा
बता दें पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से टिकट कटने के बाद बहू कृष्णा गौर को टिकट दिलाने के लिए दिल्ली तक अपना जोर लगा चुके हैं, लेकिन पार्टी गौर की बहू को टिकट देने में दिलचस्पी नहीं ले रही है, जिसके चलते गौर परिवार पार्टी से खासा नाराज नजर आ रहा है. ऐसे में गौर की बहू ने भी साफ कर दिया है कि अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगी और गोविंदपुरा से ही चुनाव लड़ेंगी.
संगठन और RSS पर पूरा भरोसा
वहीं टिकट कटने की संभावनाओं के बीच पूर्व मुख्यमंत्री के समर्थकों ने भी गोविंदपुरा में बैठक की और टिकट कटने की आशंकाओं और उसके बाद की गतिविधियों पर चर्चा की. समर्थकों से मीटिंग के बाद कृष्णा ने भी टिकट कटने की आशंकाओं पर दुख जाहिर किया और परिवारवाद को लेकर उठ रहे सवालों पर निशाना साधा. साथ ही किसी भी हालत में गोविंदपुरा से चुनाव लड़ने की बात कही. उन्होंने कहा कि 'मुझे संगठन और आरएसएस पर पूरा भरोसा है.'
कांग्रेस नहीं उतारेगी अपना प्रत्याशी
वहीं गौर परिवार का टिकट कटने की आशंका के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी गौर परिवार से संपर्क करने की चर्चा इन दिनों जोरों पर है. पार्टी सूत्रों की मानें तो अगर कृष्णा कांग्रेस में शामिल होती हैं तो पार्टी गोविंदपुरा से उन्हें ही टिकट देगी. इसके अलावा अगर कृष्णा निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं तो कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी और कृष्णा को समर्थन देगी.
(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस के साथ)