ग्वालियर: बीजेपी आने वाले उपचुनाव में चंबल का रण जीतने के लिए हर मोर्चे पर मुस्तैदी से काम करने में जुटी हुई है. भाजपा के लिए सबसे अधिक मुश्किल यदि इस अंचल में कुछ है तो, वह है सिंधिया समर्थक कार्यकर्ताओं और पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बिठा पाना. यदि चुनाव के पहले इन दोनों में सामंजस्य नहीं बैठा तो बीजेपी को 2018 के चुनाव की तरह ही इस अंचल में नुकसान उठाना पड़ सकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बीजेपी के आला नेता इस बात को बखूबी जानते हैं. यही कारण है कि पहले नरोत्तम मिश्रा ग्वालियर-चंबल संभाग के बड़े नेताओं से मिले और कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए पूर्व विधायकों के साथ सामंजस्य बैठाने की कोशिश की गई. उसके बाद अब जिन लोगों को विधानसभा प्रभारी का दायित्व सौंपा गया है उन्हें भी यह टास्क दिया गया है कि वे बीजेपी के तमाम नाराज कार्यकर्ताओं के घर जाकर बैठक करें और उन्हें समझाएं कि सिंधिया समर्थक भी अब बीजेपी के साथ मिलकर ही काम करेंगे.


CG: टीएस सिंहदेव के ट्वीट ने सूबे की सियासत में मचाई खलबली, बढ़ी भूपेश सरकार की मुश्किलें


इसको लेकर पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन का कहना है कि उन्होंने अपने दौरे में लगभग दो सैकड़ा से अधिक कार्यकर्ताओं के घर जाकर बात की है और उन्हें आगामी चुनाव में बेहतर काम करने के लिए समझाया भी है. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि भले ही बीजेपी ऊपरी मन से कहे कि कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच कहीं कोई मनमुटाव नहीं है, लेकिन हकीकत यही है. यदि ऐसा नहीं है तो क्यों बार-बार नरोत्तम मिश्रा और पार्टी के बड़े पदाधिकारी कार्यकर्ताओं से मिलने आ रहे हैं.


कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, ''इतना ही नहीं ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि बीजेपी के लोग ही बीजेपी के जिलाध्यक्ष का विरोध कर रहे हैं. वह उनके नेतृत्व में काम नहीं करने का ऐलान भी कर चुके हैं. कांग्रेस से आए नेताओं और कार्यकर्ताओं को बीजेपी का मूल कार्यकर्ता अपने दल में सम्मिलित नहीं कर पा रहा है. इन दोनों के बीच कभी तालमेल बन ही नहीं सकता है.''


ग्वालियर: कमिश्नर के PA की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप, 200 लोग क्वारंटीन किए गए


गौरतलब है कि ग्वालियर-चंबल संभाग से कांग्रेस के 15 सिंधिया समर्थक विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं. इन लोगों के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता भी बीजेपी में शामिल हुए हैं. सिंधिया समर्थकों की मानें तो जब वह ग्वालियर-चंबल संभाग का दौरा करेंगे तो लगभग कांग्रेस के 10,000 और कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल होंगे. ऐसे में बीजेपी के सामने इन कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बिठाना बड़ी चुनौती होगी.


WATCH LIVE TV