स्वरोजगार बैंक लोन पर लगी रोक, कमलनाथ ने शिवराज सरकार को बताया किसान और युवा विरोधी
कमलनाथ के इन आरोपों पर शिवराज सरकार ने सफाई दी है कि स्वराजगार की योजनाएं बंद नहीं की गई हैं, बल्कि बैंक लोन की प्रक्रिया को फिलहाल रोका गया है. इन योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने की प्रक्रिया फिर से शुरू की गई है.
भोपाल: शिवराज सरकार ने युवा उद्यमी, स्वरोजगार और कृषक उद्यमी योजना के तहत मिलने वाले बैंक लोन पर फिलहाल रोक लगा दी है. इसको लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने 15 साल के कार्यकाल में युवाओं को रोजगार देने के लिए कुछ नहीं किया, अब उनको स्वरोजगार उपलब्ध कराने वाली योजनाओं को भी बंद कर दिया है.
कमलनाथ के इन आरोपों पर शिवराज सरकार ने सफाई दी है कि स्वराजगार की योजनाएं बंद नहीं की गई हैं, बल्कि बैंक लोन की प्रक्रिया को फिलहाल रोका गया है. इन योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने की प्रक्रिया फिर से शुरू की गई है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, ''कोरोना महामारी में पहले ही कई लोगों का रोजगार छिन चुका है. आर्थिक स्थिति भयावह हो चुकी है. ऐसे में स्वरोजगार योजनाओं के बंद होने से बेरोजगारी और बढ़ेगी, युवा हताश होगा.''
कमलनाथ ने कहा, ''मुख्यमंत्री कृषि उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत बड़ी संख्या में युवाओं को लोन मिलने के साथ-साथ अनुदान व सब्सिडी भी मिलती थी. शर्म की बात है कि जो प्रकरण स्वीकृत हो चुके हैं, उनके भी आवेदन रोकने का निर्णय लिया गया है. सरकार ऐसे जनविरोधी फैसले पर पुनर्विचार करे और इन योजनाओं को तत्काल फिर से चालू करे.''
इसको लेकर एमएसएमई विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में संचालित स्वरोजगार योजनाओं को अधिक प्रभावी और हितग्राहियों के लिए अधिकतम उपयोगी बनाने की प्रक्रिया आरंभ की है. सरकार की मंशा है कि स्वरोजगार योजनाएं हितग्राहियों के लिए प्रगति का मार्ग प्रशस्त करें. यह कार्य शीघ्र ही पूरा होगा. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में रोजगार पंजीयन दफ्तरों में 32 लाख 57 हजार 136 आवेदन प्राप्त हुए हैं. प्रदेश में हर साल 4 लाख की दर से बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है.
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