भोपाल: होली से ठीक पहले मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर एक बार फिर सियासी संकट के बादल घिरने लगे हैं जिसके बाद दिल्ली, भोपाल और बेंगलुरु तक में धूप छांव का खेल खेला जाने लगा. ये हलचल तब शुरू हुई जब मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में ये खबर गूंजने लगी है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के फोन बंद हो गए हैं. तेजी से बदलते घटनाक्रम में जल्दी ही ये खबर भी आने लगी कि सिंधिया समर्थक 17 विधायक बेंगलुरु पहुंच गए हैं. 


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प्रदेश की सियासत में तख्तापलट के इतिहास को देखते हुए भोपाल की सियासत में सुदूर दक्षिण के बेंगलुरु शहर का नाम ही भूकंप लाने के लिए काफी है. तख्तापलट से पहले बेंगलुरु कई राज्यों के विधायकों का 'सेफ हाउस' बन चुका है. लिहाजा कमलनाथ सरकार में मंत्री-विधायकों के भोपाल की तरफ भागने की खबरें आने लगीं. यानी हर खेमे की गोलबंदी शुरू हो गई है ताकि 'कयामत के वक्त' में ताकत भरपूर हो और जोर आजमाइश में कोई कमजोर न निकले. तब तक कई संभावनाओं पर समीकरण टटोले जाने लगे. खबर आई कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है. यानी उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है.


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दूसरी तरफ भोपाल में सीएम हाउस में बैठकों का दौर शरू हो गया. बैठक में  सीएम कमलनाथ के साथ पीसी शर्मा, जीतू पटवारी और सज्जन सिंह वर्मा के मौजूद होने की खबर आई, आरिफ अकील, हनी बघेल और प्रदीप जायसवाल भी बैठक में शामिल रहे. ये बैठक दिल्ली में हुई एक बड़ी बैठक के बाद हुई.  दोपहर को मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली में थे. उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात हुई. जाहिर है नए संकट से निपटने पर मंथन हुआ लेकिन नतीजा क्या निकला उस पर अटकलों का बाजार गर्म है. इसी के बाद सिंधिया की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें पीसीसी की कुर्सी देने की अटकलें लगीं लेकिन उसके बाद मुख्यमंत्री के घर पर बैठकों का नया दौर शुरू हो गया. 


मसला जो हो लेकिन भोपाल की पॉलिटिक्स में बेंगलुरु से नया ऐंगल जुड़ा तो प्रदेश सरकार से ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के मुद्दे पर खुल कर चर्चा होने लगी. राज्य की सियासत में ग्वालियर राजघराने के 'महाराज' की अलग हैसियत है. कहा जा रहा है कि इस हैसियत की अनदेखी से महाराज ज्यादा खफा हुए. रोड पर उतरने वाला बयान दे कर उन्होंने पानी ऊपर जाने का संकेत दिया लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ से भाव नहीं मिला. कमलनाथ ने कहा था कि अगर सिंधिया को रोड पर उतरना है तो उतर जाएं. इस पर सिंधिया समर्थक इमरती देवी का जो बयान आया उससे ही इशारा मिलने लगा था कि ये खेल खतरनाक होता जा रहा है. उन्होंने कहा था कि अगर महाराज सड़कों पर उतरे तो प्रदेश की जनता भी उनके साथ उतरेगी. 


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पिछले हफ्ते जब ऑपरेशन लोटस की बात छिड़ी तो ज्योतिरादित्य सिंधिया चुप्पी साधे हुए थे. हालांकि उनके समर्थक विधायक ने कहा था कि अगर सिंधिया का प्रदेश सरकार ने अनादर किया तो कमलनाथ सरकार पर संकट जरूर आ जाएगा. इसके बाद सिंधिया गुट के विधायक इस पूरे सियासी घटनाक्रम से खुद को दूर रखे रहे. 


हालांकि सिंधिया समर्थक विधायकों और मंत्रियों के अचानक गायब होने पर मंत्री ओमकार मरकाम ने चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि सब मंत्री विधायक होली मनाने गए होंगे. शायद यही वजह है कि उनके मोबाइल भी बंद आ रहे होंगे. कांग्रेस विधायकों के बेंगलुरु कनेक्शन पर मंत्री ओमकार मरकाम का कहना है कि सभी विधायक, मंत्री बेंगलरु ही क्यों जा रहे हैं ये तो बड़े नेता ही बता सकते हैं. वहीं मरकाम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस का वरिष्ठ नेता बताते हुए उनकी जमकर तारीफ़ भी की है. साथ ही प्रदेश के सभी कांग्रेस विधायक सीएम के संपर्क में होने का दावा भी किया है.


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कांग्रेस में गुटबाजी के बीच बीजेपी अपनी रोटी सेंकने की जुगत में है. सिंधिया की नाराजगी को भांपते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान दिल्ली से भोपाल जाएंगे. कल शाम 7 बजे बीजेपी ने विधायक दल की बैठक भी बुला ली है. वहीं सीएम हाउस में मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली में है. देर शाम उन्होंने सचिन पायलट से मुलाकात की और खुद कार चलाकर दिल्ली स्थित अपने घर पहुंचे. 


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देर शाम तक 'सिंधिया खेमे' के ये विधायक संपर्क में नहीं
गिर्राज दंडोतिया, कांग्रेस विधायक दिमनी (मुरैना)
कमलेश जाटव, कांग्रेस विधायक अम्बाह (मुरैना)
यशवंत जाटव, कांग्रेस विधायक, करैरा (शिवपुरी)
इमरती देवी, महिला एवं बाल विकास मंत्री (ग्वालियर)
प्रद्युम्न सिंह तोमर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री (ग्वालियर)
गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन मंत्री, विधायक -सुरखी (सागर)
ओपीएस भदोरिया, कांग्रेस विधायक, मेहगाव (भिण्ड)
रघुराज सिंह कंसाना, कांग्रेस विधायक मुरैना
जसपाल सिंह जग्गी, अशोक नगर विधायक
बृजेंद्र सिंह यादव, मुंगावली विधायक
श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया लापता..
मंत्री के दफ्तर और स्टाफ को भी नहीं जानकारी
समर्थकों को भी कल शाम से नहीं मंत्री की जानकारी