बीजा मंडल विवाद में औवेसी एंट्री: मध्य प्रदेश में सियासी घमासान, BJP बोली-हैदराबाद संभाले
Bijamandal Dispute: बीजामंडल विवाद में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री के बाद से मध्य प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है. मोहन सरकार के मंत्री ने ओवैसी के बयान पर पलटवार किया था.
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में बीजामंडल मंदिर-मस्जिद विवाद में हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री के बाद प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. ओवैसी ने विदिशा जिले के कलेक्टर का ट्रांसफर होने पर आपत्ति जताई थी और बीजामंडल को मस्जिद बताया था. जिसके बाद बीजेपी के नेताओं ने ओवैसी पर पलटवार करते हुए उन्हें हैदराबाद संभालने की सलाह दी है. वहीं कांग्रेस ने भी इस मामले में अब प्रतिक्रिया दी है.
विदिशा कलेक्टर के ट्रांसफर पर ओवैसी ने उठाए थे सवाल
बीजामंडल मुद्दे के बाद विदिशा जिले कलेक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया था. जिसके बाद असदुद्दीन ओवैसी ने मोहन सरकार पर निशाना साधा था. ओवैसी ने कहा कलेक्टर का ट्रांसफर कर दिया है क्योंकि उन्होंने कानूनों का पालन किया था. अगर कलेक्टर ने सही फैसला लिया तो उसका तबादला कर दिया जाएगा. असदुद्दीन ओवैसी ने बीजामंडल के मस्जिद होने का दावा भी किया है. दरअसल, विदिशा के बीजामंडल को हिंदू अपना मंदिर बता रहे हैं, लेकिन विदिशा के तत्कालीन कलेक्टर ने इसे मस्जिद बताया था. जबकि स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने इस पर अपना दावा नहीं किया था.
सीएम मोहन के मंत्री ओवैसी पर साधा निशाना
मोहन सरकार में मंत्री नारायण सिंह पंवार ने बीजा मंडल विवाद में ओवैसी की एंट्री पर निशाना साधते हुए कहा 'कलेक्टर को हिंदू भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए था, बीजामंडल में नागपंचमी पर हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति देनी चाहिए थी, क्योंकि अब समय की मांग है कि मंदिर का ताला खोल देना चाहिए. क्योंकि बीजामंडल में मंदिर है और हिंदुओ को पूजा की अनुमति अब मिलनी चाहिए, पता नहीं विदिशा के कलेक्टर ने किस सोच के आधार पर उस जगह को मस्जिद बताया था. जबकि असदुद्दीन ओवैसी ने न विदिशा देखा है और नहीं बीजामंडल, इसलिए केवल किसी के मस्जिद बता देने की वजह से वह जगह मस्जिद नहीं हो जाएगी. सत्य को झुठलाया नहीं जा सकता है, बीजामंडल शताब्दियों पुराना मंदिर है, बीजा मंडल में कई ऐसे प्रमाण और मूर्तियां हैं जिससे यह प्रमाणित होता है की वहां मंदिर है. लेकिन ओवैसी को ऐसे मुद्दों पर बयान देने की बीमारी है.'
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बीजामंडल पर लोकल मुस्लिमों को नहीं है आपत्ति
वहीं इस मामले में NCPCR के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी ओवैसी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा 'विदिशा में बीजामंडल विजया मंदिर हिंदुओं के पूजा स्थल के रूप में मान्य स्थान है, पूर्व में मंदिर विध्वंस के बाद व बाढ़ के समय आपदा के दौरान ईद की नमाज पढ़े जाने से जो विवाद हुआ था, वो स्थानीय मुसलमानों को 1965 में ईदगाह के लिए वैकल्पिक स्थान आवंटित कर निपटाया जा चुका है. लोकल मुस्लिम मुस्लिम प्रतिनिधी का बयान पढ़ लीजिए, यह साफ करता है कि विदिशा में समुदायों के बीच इस मामले में झगड़ा नहीं है. असदुद्दीन ओवैसी आप माननीय सांसद हैं, आपसे अनुरोध है कि आप खुद की राजनीति के लिए हमारे यहाँ का अमन चैन न बिगाड़ें, जहां लोकल मुस्लिम नमाज नहीं पढ़ते उसके लिए आपको हैदराबाद से बैठकर लोगों को भड़काने की आवश्यकता नहीं है.'
एमपी में बीजेपी कांग्रेस आमने-सामने
वहीं असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस फिर आमने-सामने नजर आ रहे हैं. बीजेपी प्रवक्त यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा 'मध्य प्रदेश की सरकार नियम कानून से चलने वाली सरकार है, लेकिन यहां पर किसी भी धार्मिक उन्माद फैलाने वाले व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ओवैसी अपना हैदराबाद संभाले और उन्हें मध्य प्रदेश में दखल देने की जरूरत नहीं है. ओवैसी जैसे लोग इस तरह की बातें कर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने का प्रयास करते हैं. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर आक्रमण हो रहे हैं, उनकी हत्या हो रही हैं उन्हें लूट जा रहा है लेकिन ओवैसी उसे पर कुछ नहीं कहेंगे. लेकिन मध्य प्रदेश जो शांति का टापू है वहां ओवैसी जैसे लोगों की एंट्री नहीं हो सकती है.'
बीजामंडल विवाद में पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने भी कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा शासन और प्रशासन की घोर लापरवाही है इस मामले में सामने आई है. अगर कोई धार्मिक मामला उठा है तो उसमें एहतियातन सावधानी बरतने की जरूरत होती है. हमें समझना होगा कि मंदिर और मस्जिद डिक्लेअर करने का अधिकार किसको है और अगर यह डिक्लेयर हो भी जाता है तो किस आधार पर हम अधिकारी का ट्रांसफर करते हैं यह एक तुष्टीकरण है. इस पूरे मामले में बड़ी लापरवाही बरती गई है और धार्मिक भावनाएं भड़काने का अंदेशा है. कोई भी निर्णय सोच समझ कर लेना चाहिए, इस तरह का फैसला लेने का अधिकार सिर्फ कोर्ट को है.'
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