MP Politics: स्वतंत्रता दिवस में अब महज तीन दिन का समय बचा है, ऐसे में मध्य प्रदेश में आजादी के पर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं. माना जा रहा है कि प्रदेश के जिलों में इस बार जिले के प्रभारी मंत्री स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. लेकिन अब तक मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले नहीं मिले हैं, जबकि सीएम मोहन यादव पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं कि जल्द ही मंत्रियों को प्रभार के जिले मिल जाएंगे. बताया जा रहा है कि आज रात तक सीएम मोहन मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले बांट सकते हैं. चर्चा यह भी है कि सीएम मोहन खुद एक जिले का प्रभार ले सकते हैं. 


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आज या कल में होगा बंटवारा 


दरअसल, मध्य प्रदेश में सीएम मोहन यादव की अगुवाई में बनी सरकार को आठ महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक कैबिनेट मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले नहीं मिले हैं. लेकिन पिछले दिनों सीएम मोहन ने ऐलान किया था कि सात दिनों में मंत्रियों को उनके प्रभार के जिलों का बंटवारा हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि 15 अगस्त को प्रभारी मंत्री ही जिलों में झंडा फहराएंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि आज या कल सीएम मोहन यादव मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले सौंप देंगे, ताकि 14 अगस्त की रात तक सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार के जिलों में पहुंच सके. 


किसे मिलेगा कौन सा जिला 


मोहन सरकार में कई सीनियर मंत्री हैं, जो केंद्र की राजनीति में भी एक्टिव रहे हैं, ऐसे में इन मंत्रियों को किस जिले का प्रभार मिलेगा इस पर सबकी नजरे हैं. भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, उज्जैन जैसे जिलों का प्रभार अहम माना जा रहा है. कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह और रावउदय प्रताप सिंह केंद्र की राजनीति में एक्टिव रहे हैं, ऐसे में इन मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. इसके अलावा डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा को किस जिले का प्रभार मिलता यह भी अहम होगा. सीनियर मंत्रियों को दो-दो जिलों का प्रभार मिलने की संभावना है. मोहन कैबिनेट में कुल 33 मंत्री हैं, इन्हीं को प्रदेश के 55 जिलों का प्रभार मिलेगा. ऐसे में स्वतंत्रता दिवस में महज तीन दिन बाकी हैं और सबकी नजरे नए जिला मंत्रियों पर टिकी हैं.


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सीएम भी ले सकते हैं एक जिला 


माना जा रहा है कि सीएम मोहन यादव भी किसी एक जिले का प्रभार ले सकते हैं, माना जा रहा है कि जिस जिले से मंत्री नहीं है सीएम उस जिले का प्रभार ले सकते हैं, या फिर मुख्यमंत्री किसी आदिवासी बहुल जिले का प्रभार भी ले सकते हैं. सीएम मोहन यादव उज्जैन जिले से आते हैं, ऐसे में वह आसपास के भी किसी जिले का प्रभार ले सकते हैं. माना जा रहा है कि इस बार भी मंत्रियों को उनके गृह जिले का प्रभार नहीं दिया जाएगा. सियासी गलियारों में चर्चा है कि मंत्रियों को उनके गृह जिले के आसपास वाले जिले का ही प्रभार दिया जाएगा, ताकि मंत्री प्रभार के जिले में भी ज्यादा से ज्यादा समय दे सके.