Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपनी ही पार्टी के टिकट वितरण पर सवाल उठाए हैं. बुधनी विधानसभा दौरे के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बताया कि कांग्रेस में टिकट वितरण कैसे होता है? कैसे कार्यकर्ताओं की राय के बगैर ऊपर से हमेशा से टिकट थोपा जाता है. उनके बोल के मतलब यही है. एमपी में बुधनी और विजयपुर उपचुनाव की राजनितिक दलों की तैयारियां तेज हो गई हैं. पटवारी इसी सिलसिले में बुधरी में कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे थे. 


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पटवारी ने कहा- चुनाव में कैंडिडेट कैसे चुना जाए. जैसे हमेशा से चुनते आए हैं. ऊपर से नाम आया. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कैंडिडेट पसंद से चुनना चाहिए. उनके इस बयान से सवाल उठता है कि क्या अब तक एमपी में टिकिट वितरण में कांग्रेस के बूथ कार्यकर्ताओ की राय नहीं ली जाती थी. टिकिट वितरण की पोल खोलते हुए खुद मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा- उम्मीदवार कैसे चुनना चाहिए ऊपर से नाम आ गया पर मेरा मन है बूथ के कार्यकर्ता से पूछ कर टिकिट फाइनल किया जाय. 


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क्या बोले बुधनी के दावेदार?
कांग्रेस पार्टी के लिए बुधनी हमेशा पैराशूट लैंडिंग टिकट वितरण लागू रहा है. ज्यादातर और इसलिए कांग्रेस पार्टी हारती रही है. यह बात अब कांग्रेस पार्टी के अंदर खाने में उठने लगी है. जीतू पटवारी के बयान के बाद कांग्रेस नेता आनंद जाट ने कहा कि वह बुधनी से दावेदार हैं. पार्टी मौका देगी तो चुनाव लड़ेंगे. साथ ही कहा कि कांग्रेस पार्टी ने स्थानीय कैंडिडेट ना देकर पिछले चुनाव में कामयाब होता है अब इस बार स्थानीय को टिकट दिया जाए. इसके अलावा बुधनी उपचुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रभार की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा इस बार कांग्रेस पार्टी लोकल को मौका देने की तैयारी में है. पुरानी रणनीति बदल रही है अब तक एक दर्जन के आसपास नेताओं ने चुनाव लड़ने का दावा किया है.


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क्या बोली भाजपा?
इधर, भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में अब कांग्रेसी नहीं बचे हैं सिर्फ गांधी परिवार के दरबारी बचे हैं. कांग्रेस पार्टी में अब कोई रहना नहीं चाहता है. जीतू पटवारी इतने चुनाव हरा चुके हैं अब इस बार वह जनता और कांग्रेस कार्यकर्ता के सिर पर हार का ठीकरा फोड़ना चाहते हैं. बुधनी उप चुनाव बुरी तरीके से कांग्रेस पार्टी हार रही है.


भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट