मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. हालांकि भले ही अब तक चुनाव का ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन यहां सियासी गुणा-भाग लगना शुरू हो गया है. कांग्रेस छोड़कर विधायक पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने वाले रामनिवास रावत का बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. लेकिन कांग्रेस की तरफ से किसे उम्मीदवार बनाया जाएगा इसको लेकर कयासों का दौर जारी है. लेकिन इस बीच एक पूर्व आईएस का नाम तेजी से चर्चा में आया है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि कांग्रेस उन्हें विजयपुर उपचुनाव में टिकट दे सकती है. जिसके पीछे तो बड़े कारण राजनीतिक जानकार गिना रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर पूर्व आईएएस सियासत में आते हैं तो विजयपुर उपचुनाव दिलचस्प हो सकता है. 


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विजयपुर में चर्चा में पन्ना लाल सोलंकी का नाम  


दरअसल, विजयपुर उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से पूर्व कलेक्टर रहे पन्ना लाल सोलंकी का नाम तेजी से सामने आ रहा है. जिसके पीछे दो वजह प्रमुख बताई जा रही हैं. पहली पन्नालाल सोलंकी लंबे समय तक श्योपुर जिले के कलेक्टर रहे हैं, ऐसे में वह यहां की राजनीतिक परिस्थितियों से वाकिफ है, दूसरा वह आदिवासी वर्ग से आते हैं जो विजयपुर विधानसभा सीट पर निर्णायक वोटर माने जाते हैं.  श्योपुर मे कलेक्टर रहने के दौरान उन्होंने आदिवासियों के लिए कई कार्य किये हैं. ऐसे में कलेक्टर रहने की वजह से उनका श्योपुर जिले से सीधा जुड़ाव रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस उन्हें यहां से टिकट दे सकती है इस बात के कयास लग रहे हैं.


विजयपुर में निर्णायक हैं आदिवासी वोटर्स 


कांग्रेस विजयपुर उपचुनाव का ऐलान होने से पहले ही यहां घेराबंदी की तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी ने इसके लिए पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को प्रभारी बनाया है, माना जा रहा है कि जयवर्धन और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के बीच पूर्व आईएएस पन्नालाल सोलंकी को लेकर चर्चा हुई है. क्योंकि श्योपुर में कलेक्टर रहना और आदिवासी वर्ग से आना सबसे अहम कारण है. दरअसल, विजयपुर विधानसभा सीट पर 50 हजार से भी ज्यादा आदिवासी वोटर्स हैं, रामनिवास रावत ने 1993 से लेकर 2013 तक यहां से लगातार पांच चुनाव जीते थे, लेकिन 2018 में उन्हें बीजेपी के सीताराम आदिवासी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में कांग्रेस यह बात अच्छे से जानती है कि रावत के खिलाफ आदिवासी उम्मीदवार निर्णायक साबित हो सकता है. इसलिए पन्ना लाल सोलंकी का नाम तेजी से ऊपर आया है. कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने श्योपुर के पूर्व कलेक्टर पन्ना लाल सोलंकी के नाम को लेकर कहा की कांग्रेस में उम्मीदवारों को लेकर लगातार बैठकों के जरिए मंथन जारी है. चुनाव का ऐलान होने के बाद उम्मीदवार की घोषणा हो जाएगी. 


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रामनिवास रावत का बीजेपी से टिकट तय 


वहीं बीजेपी की तरफ से रामनिवास रावत का नाम तय माना जा रहा है. लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल होने वाले रामनिवास रावत को मोहन सरकार में मंत्री भी बनाया गया है. बता दें कि विजयपुर विधानसभा सीट यूं तो कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है. क्योंकि रामनिवास रावत यहां से 6 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं, जिनमें पांच विधानसभा चुनाव तो उन्होंने लगातार जीते थे. ऐसे में विजयपुर सीट रावत का गढ़ मानी जाती है. जिसका असर उन्होंने लोकसभा चुनाव में दिखाया था. दरअसल, 2023 के विधानसभा चुनाव में रामनिवास रावत ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. लेकिन लोकसभा चुनाव में बाजी पलट गई, बीजेपी ने यहां 30 हजार से ज्यादा वोटों की बढ़त बनाई थी. 


दिलचस्प हो सकती है विजयपुर की जंग


विजयपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का फिलहाल ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन जिस तरह से यहां समीकरण बन रहे हैं, उससे यहां मुकाबला दिलचस्प होने की पूरी उम्मीद है. क्योंकि बीजेपी के दो पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी और बाबूलाल मेवरा भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. ऐसे में यहां बीजेपी के लिए भी राह आसान नहीं दिख रही है. तो वहीं कांग्रेस को अपना गढ़ बचाने के लिए मजबूती से चुनाव लड़ना होगा. यही वजह है कि चुनाव से पहले ही विजयपुर में सियासत हाई दिख रही है. 


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