Chhattisgarh news-राजनांदगांव में एक साथ शासकीय मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल के 20 डॉक्टरों ने डीन को इस्तीफा सौंप दिया. इस्तीफे साथ डॉक्टरों ने डीन को पत्र भी सौंपा है, जिसमें राज्य सरकार द्वारा निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस को लेकर लिए गए फैसले को वापस लेने की बात कही है. 

 

डॉक्टरों का कहना है कि अगर फैसला वापस नहीं लिया गया तो वो सामूहिक इस्तीफे के लिए बाध्य होंगे. 20 डॉक्टरों के एक साथ इस्तीफे को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. ऐसे में अगर और डॉक्टर इस्तीफा देंगे तो स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है. 

 

क्या है कारण

इस इस्तीफे का मुख्य कारण निजी जगहों पर प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, उसके कारण ही यह नाराजगी देखी जा रही है. डॉक्टरों ने इसी के चलते सामूहिक इस्तीफा सौंपा है. वहीं मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने पत्र में कहा है कि, यदि राज्य शासन द्वारा कड़ाई का आदेश वापस नहीं लिया जाएगा तो वे सामूहिक इस्तीफा देने के लिए बाध्य होंगे.

 

मेडिकल कॉलेज हो सकता है बंद 

इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों में सीनियर, जूनियर, संविदा और नियमित डॉक्टर शामिल हैं. अगर और डॉक्टर्स ने इस्तीफा दिया तो स्वास्थ्य व्यवस्था तो चरमराएगी ही साथ ही मेडिकल कॉलेज की मान्यता भी खतरे में पड़ जाएगी. इसके अलावा कॉलेज के छात्र-छात्राओं का करियर भी संकट में पड़ जाएगा. 

 

पहले से खराब है व्यवस्था

अस्पताल पहले से ही डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा है. स्टीफा देने वालो में मेडिसिन, ऑर्थो, एनेस्थीसिया, जैसे प्रमुख विभाग के डॉक्टर हैं, इस्ताफे के बाद अस्पताल में इलाज देने वाले डॉक्टर ही नहीं रहेंगे. मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कुल 21 विभाग संचालित है, मेडिकल कॉलेज मात्र 30% डॉक्टर से संचालित हो रहा है.