नितिन गौतम: आज भारतीय राजनीति में बीजेपी सबसे बड़ी और ताकतवर पार्टी है. बीजेपी को 'अजेय' बनाने में जिन लोगों का अहम योगदान है, उनमें अमित शाह का नाम प्रमुख है. अमित शाह (Amit Shah Birthday) ने अपने रणनीतिक कौशल से देश के कई राज्यों में भगवा (BJP) पार्टी की सरकार बनाई है और बीजेपी की विचारधारा को देशभर में विस्तार दिया है. यही वजह है कि अमित शाह को आधुनिक राजनीति का चाणक्य (Modern Day Chanakya) माना जाता है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष (BJP President) रहते हुए अमित शाह ने भाजपा को सफलता की नई ऊंचाईंयों  पर पहुंचाया और भाजपा लगातार उस रास्ते पर अग्रसर है. आज अमित शाह अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं. पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने अमित शाह को जन्मदिन की बधाई दी है.


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अमित शाह क्यों हैं खास (Why Amit Shah Special)
अमित शाह के बारे में कहा जाता है कि वह विचारधारा (Ideology), कार्यकर्ता और कार्यालय के प्रति समर्पित नेता हैं. अमित शाह की सफलता में भी उनकी इसी सोच का कमाल है. अमित शाह अपने जीवन के शुरुआती दिनों में ही आरएसएस (RSS) के साथ जुड़ गए थे और नियमित तौर पर शाखा जाते थे. आरएसएस में ही अमित शाह की मुलाकात अपने मेंटोर नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ मुलाकात हुई. अमित शाह ने कुशाभाऊ ठाकरे से भी संगठन के गुण सीखे. साथ ही अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत में अमित शाह ने बतौर बूथ वर्कर भी काम किया. भाजपा बूथ कार्यकर्ताओं को रजिस्टर करने का काम भी अमित शाह ने ही शुरू किया था. जब अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो उन्होंने इस प्रोजेक्ट को बड़े पैमाने पर किया और इसी के चलते भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी. 


माइक्रो मैनेजमेंट से जीते कई किले
अमित शाह के बारे में कहा जाता है कि वह पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को उनके नाम से जानते हैं. अमित शाह ने ही पदाधिकारियों को पार्टी कार्यालयों में हर दिन बैठने के निर्देश दिए थे. वह खुद पार्टी अध्यक्ष रहते हुए दिन के कई घंटे पार्टी ऑफिस में बिताते थे. अमित शाह की पहल पर ही भाजपा हर जिले में अपना कार्यालय खोलने की योजना पर काम कर रही है. चुनाव का माइक्रो मैनेजमेंट (BJP Micro Management) करने के मामले में अमित शाह का अभी तक कोई सानी नहीं है. बूथ इंचार्ज, पन्ना प्रमुख जैसे विचार अमित शाह की ही देन हैं, जिसने भाजपा की जमीनी स्तर पर पकड़ बनाई है और पार्टी बीते कई सालों से अन्य राजनीतिक पार्टियों के मुकाबले कहीं आगे दिखाई देती है.  अमित शाह विचारधारा के प्रति खासे समर्पित रहते हैं और यही वजह है कि उन्होंने एक बार पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा भी था कि वह किसी को सीएम या पीएम बनाने केलिए काम ना करें बल्कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए काम करें.


राजनीति की शुरुआत से ही रहे हैं अजेय!
22 अक्टूबर 1964 को जन्में अमित शाह राजनीति में सफलता की सीढ़ियां अपने रणनीतिक कौशल के दम पर ही चढ़े हैं. यही वजह है कि ऐसा कहा जाता है कि अमित शाह आज तक एक भी चुनाव नहीं हारे हैं. अमित शाह ने 1987 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. साल 1997 में अमित शाह अमहदाबाद की सरखेज विधानसभा से उपचुनाव जीतकर गुजरात विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद वह 1998, 2002 और 2007 में भी इसी सीट से चुनाव जीते. साल 2012 में अमित शाह नारनपुरा सीट से विधानसभा चुनाव जीते. अमित शाह तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के करीबी रहे, यही वजह है कि अमित शाह को नरेंद्र मोदी सरकार में अहम विभाग संभाले. 


2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें देश के सबसे बड़े और राजनीतिक रूप से अहम राज्य उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया. ये अमित शाह की रणनीतिक काबलियत ही थी कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 73 पर जीत दर्ज की. इसने अमित शाह की लोकप्रियता को चार चांद लगा दिए. इसके बाद अमित शाह को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए अमित शाह ने कई राज्यों में भगवा ध्वज लहराई और देश के बड़े भूभाग पर भाजपा का कब्जा हो गया था. साल 2019 में अमित शाह देश के केंद्रीय मंत्री बने और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने में अहम भूमिका निभाई.