Nisha Bangre Resigns: पूर्व SDM और  जिले की आमला सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए SDM पद से  इस्तीफा देने वाली निशा बांगरे एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं. निशा ने अब कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. MP PCC चीफ जीतू पटवारी को इस्तीफा भेजने के बाद निशा ने कांग्रेस पर महिलाओं और डॉ. भीम राव अंबेडकर को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि वे निशा को अपना नहीं मानते थे. वहीं, BJP ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है. 


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अंबेडकर जयंती के दिन दिया इस्तीफा
निशा बांगेर ने अंबेडकर जयंती यानी 14 अप्रैल को कांग्रेस से इस्तीफा दिया है. इस्तीफा देते हुए निशा बोलीं- 'बाबा साहब डॉ.अंबेडकर ने संसद की ओर इशारा कर हमें इंगित किया है कि "ऐ मेरे समाज के लोगों, संसद रूपी मंदिर में पहुंचकर राजनीतिक हिस्सेदारी अर्जित करो व वंचित वर्ग की आवाज बनो". उनके इस इशारे को आत्मसात करने के लिए मैंने राज्य प्रशासनिक सेवा का सर्वोच्च पद त्याग दिया.'


उन्होंने आगे कहा- 'मैं उस समय यह समझती थी कि कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़कर समाज के शोषित, पीड़ित और वंचित लोगों का प्रतिनिधित्व कर बाबा साहब के सपनों को साकार कर सकूंगी किंतु पिछले छह महीने से कांग्रेस की नियत को करीब से देख कर मैंने यह पाया कि कांग्रेस पार्टी ने मुझे विधानसभा में टिकट देने का जो वादा किया था और 229 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर एक सीट आमला मेरे लिए होल्ड पर रखने का जो दिखावा किया था वो इसलिए किया था ताकि समाज का वोट हासिल कर सके और षड्यंत्र कर मुझे चुनाव लड़ने से रोक सकें. मुझे लोकसभा में टिकट देने का भी भरोसा दिया गया था, लेकिन इसमें भी वादाखिलाफी की गई है.'


'कांग्रेस जलता हुआ घर'
निशा बांगरे ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा है, 'बाबा साहब ने कहा था कि "कांग्रेस जलता हुआ घर है" मैंने यह महसूस भी किया. कांग्रेस ने बाबा साहब को कभी टिकट नहीं दिया, बल्कि उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़े करके उन्हें चुनाव में हरा दिया . कांग्रेस ने न्याय तब भी नहीं किया था और कांग्रेस न्याय अब भी नही कर पा रही है. डॉ. बाबा साहब अंबेडकर की जयंती के पावन अवसर पर मैं कांग्रेस पार्टी के समस्त दायित्वों से मुक्त होना चाहती हूं.'
 
'मैं दायित्वों से मुक्त होना चाहती हूं'
निशा ने पत्र में आगे लिखा- 'बाबा साहब स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांत के पुरोधा पुरुष थे. उनका  मानना था कि सभी भारतीयों को उनकी जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना आगे बढ़ाने के लिए समान अधिकार व अवसर मिलने चाहिए. मैं इन्हीं सिद्धांतों को आत्मसात कर समाज और देश सेवा के लिए सदैव तत्पर हूं. इसी ध्येय को लेकर मैं कांग्रेस की राजनीति में व्यापक स्तर पर कार्य करना चाहती थी, लेकिन इस हेतु कांग्रेस पार्टी ने मेरी योग्यता को ही अयोग्यता बना दिया. इसी कारण मैं कांग्रेस पार्टी के सभी दायित्वों से मुक्त होना चाहती हूं और मैं अपना पूरा जीवन बाबा साहब के विचारों के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित करती हूं.'


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नारी का सम्मान नहीं
निशा बांगरे ने कांग्रेस पर नारी का सम्मान नहीं होने के आरोप भी लगाए हैं. उन्होंने कहा- कांग्रेस में नारी सम्मान के लिए कोई स्थान नहीं है, जिसका ताजा उदाहरण लोकसभा चुनाव 2024 में संसदीय सीटों में कांग्रेस पार्टी के अंदर मध्य प्रदेश में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व न मिलना भी है.


कांग्रेस ने किया पलटवार
पूर्व SDM निशा बांगरे के आरोपों पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है. पार्टी का कहना है कि निशा को टिकिट का कोई भी प्रॉमिस पार्टी की तरफ से नही किया गया था. वे निशा को अपना तक नहीं मानते थे, वे बहुत महत्वाकांक्षी हैं.


BJP ने किया हमला
निशा बांगरे के आरोपों पर BJP ने कांग्रेस पर हमला बोला है. BJP ने कहा- बाबा साहब को चुनाव हराने वाली कांग्रेस अब दलित महिला को अपमानित कर रही है. कांग्रेस, महिलाओं की राजनीतिक विरोधी है .


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बता दें कि निशा बांगरे पूर्व SDM हैं. 2023 विधानसभा चुनाव में बैतूल जिले की आमला सीट से चुनाव लड़ने के लिए छतरपुर SDM पद से निशा बांगरे ने इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे को सरकार ने स्वीकारने में देरी की दी थी, जिस वजह से निशा नामांकन नहीं भर पाई थी. ऐसे में कांग्रेस ने इस सीट से मनोज मालवे को अपना प्रत्याशी घोषित किया था. ऐसा माना जाता है कि, निशा ने कमलनाथ के कहने पर इस्तीफा दिया था. निशा ने न्याय यात्रा निकालकर तत्कालीन प्रदेश सरकार पर तीखे आरोप भी लगाए थे और उच्च न्यायालय की भी शरण ली थी,जिसके बाद उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया था. 


इनपुट- भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट, ZEE मीडिया


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