Madhya Pradesh News/दिनेश नागर: सीहोर जिले के बिजली विभाग में पदस्थ महाप्रबंधक और सर्किल उप महाप्रबंधक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और इस पूरे मामले पर लोकायुक्त भोपाल में एफआईआर भी दर्ज है, लेकिन हैरत की बात तो यह है कि लोकायुक्त में एफआईआर दर्ज होने के 1 महीने बाद भी विभाग ने उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की और यह अपने पद पर बने हुए हैं.


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दरअसल, सीहोर के ग्राम बनखेड़ा अहमदपुर निवासी कुलदीप सिंह राजपूत बिजली विभाग में ठेकेदारी का काम करते हैं. कुलदीप सिंह का आरोप है कि उन्होंने  किसानों के बिजली संबंधी कार्य करने के लिए बिजली विभाग से अनुमति मांगी थी, जिसके लिए कुलदीप सिंह ने अलग-अलग छह फाइल लगाई थीं. फाइलों के एवज में बिजली विभाग महाप्रबंधक सुनील खरे और सर्कल विभाग में पदस्थ उपमहाप्रबंधक रिजवान खान ने 7000 रुपए प्रति फाइल के हिसाब से 42000 रुपए की रिश्वत की मांगी. इसकी शिकायत कुलदीप राजपूत ने लोकायुक्त भोपाल से की थी. इसके बाद लोकायुक्त भोपाल ने टीम बनाकर दोनों अधिकारियों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए सीहोर रवाना कर दिया, लेकिन मामले की भनक लगते ही यह दोनों अधिकारी उस दिन ऑफिस नहीं आए. 


विभाग के कर्मचारी की मिलीभगत
लोकायुक्त भोपाल ने कई बार सीहोर अपनी टीम को भेजा, लेकिन हर बार लोकायुक्त को खाली हाथ लौटना पड़ा. लोकायुक्त भोपाल ने आवाज रिकॉर्डिंग के सैंपल के आधार पर 12 जनवरी को महाप्रबंधक एवं उपमहाप्रबंधक पर मामला दर्ज कर लिया. कुलदीप सिंह ने लोकायुक्त के किसी कर्मचारी पर भी शंका जताते हुए आरोप लगाया कि लोकायुक्त का कोई सदस्य इन भ्रष्ट अधिकारियों से मिला हुआ है जो समय-समय पर लोकायुक्त की टीम आने पर इन्हें जानकारी देता रहा है. 


अब तक पद पर बने हुए हैं दोनों अधिकारी
कुलदीप सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद एवं लोकायुक्त में मामला दर्ज होने के बाद भी अभी तक यह दोनों अधिकारी अपने पद पर बने हुए हैं और विभाग की ओर से उनके खिलाफ कोई जांच नहीं की जा रही है, जबकि इन दोनों भ्रष्ट अधिकारियों के दबाव में आकर उल्टा फरियादी कुलदीप पर ही कार्रवाई करने की प्रक्रिया विभाग ने शुरू कर दी है. पूरे मामले की जानकारी से फरियादी ने आवेदन के माध्यम से सीहोर कलेक्टर को भी अवगत कराया. सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि इस संबंध में बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा और महाप्रबंधक एवं उपमहाप्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी.