अजय राठौड़/श्योपुर: कूनो नेशनल पार्क से बड़ी खबर सामने आई है. मादा चीता साशा के बाद एक और नर चीते उदय की मौत हो गई है. कूनो में अब तक दो चीतों ने दम तोड़ा है. बता दें कि साउथ अफ्रीका से आए चीते उदय (वाटरवर्ग) चीते की मौत हुई है. 18 फरवरी को कूनो लाए गए 12 चीतों में उदय शामिल था. बता दें कि 20 अप्रैल को नामिबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए 19 चीतो का भारतीय नामकरण हुआ था. मिली जानकारी के अनुसार बड़े बाड़े 2 में सुबह निगरानी दल को चीता उदय सुस्त मिला था. जिसके बाद ट्रांकुलाई कर इलाज के लिए आइसोलेशन में चीता उदय रखा गया था. बता दें कि उदय की मौत के बाद कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या घटकर 18 हो गई है. वहीं 27 मार्च को किडनी इन्फेक्शन से नामिबिया से लाई गई मादा चीता साशा की मौत हुई थी.


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4 बजे हुआ निधन 
सुबह वन्यजीव विशेषज्ञों की एक टीम चीतों की निगरानी के लिए अपने दैनिक मिशन पर निकली थी. जैसे ही उन्होंने अपना चक्कर लगाया, उनकी निगाहें एक जिज्ञासु दृश्य की ओर खिंची चली गईं. जहां नर चीता उदय अकर्मण्य अवस्था में बैठा था. जिसके बाद इस चीता के स्वास्थ्य को देखते हुए टीम ने सावधानी के साथ उससे संपर्क किया. मिली जानकारी के अनुसार इसके बाद उदय अपने पैरों पर खड़ा हो गया और अपनी गर्दन झुकाकर चलने लगा.


उदय की हालत में अचानक आए इस बदलाव से घबराई टीम ने तुरंत वन्य जीवों के डॉक्टरों से संपर्क किया. जिसके बाद डॉक्टर मौके पर पहुंचे और उदय की जांच के बाद विशेषज्ञों ने तत्काल इलाज के लिए उदय को क्वारंटीन करने का फैसला किया. मेडिकल टीम के प्रयासों के बावजूद, उदय की तबीयत लगातार बिगड़ती गई और आखिरकार शाम करीब 4 बजे उनका निधन हो गया. चीता उदय की आयु लगभग 6 वर्ष आंकी गई है.


चीतों की मौत के बाद सियासत शुरू 
वहीं उदय की मौत पर कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने सवाल उठाए  हैं. ट्वीट कर उन्होंने कहा,'कूनो नेशनल पार्क में एक और चीता की मृत्यु का समाचार मिला. चिंता का विषय है. प्रधान मंत्री जब स्वयं इस योजना को देख रहे हैं तो यह क्यों हो रहा है?क्या कमी है?यह योजना लाखों को रोजगार देगी,इन्हे बचाना बहुत आवश्यक है.