हंसना मना है, जनसुनवाई में अधिकारी की छूटी हंसी, अपर कलेक्टर ने थमाया नोटिस
mp news-मध्यप्रदेश में अब अधिकारियों के हंसने पर रोक लगेगी. छतरपुर में अपर कलेक्टर ने हंसने पर एक अधिकारी को नोटिस जारी कर दिया है, नोटिस जारी कर हंसने का कारण भी पूछा गया है. अपर कलेक्टर का नोटिस सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जानिए पूरा मामला
madhya pradesh news- आपने सुना होगा मध्यप्रदेश अजब-गजब है लेकिन यहां के अधिकारी भी अजब गजब हैं. छतरपुर से एक अलग ही मामला सामने आया है,जहां जिला पंचायत की सुनवाई में एक अधिकारी को हंसना भारी पड़ गया है. अधिकारी की हंसी ने उसे मुसीबत में डाल दिया, ऐसा इसलिए की हंसी के चक्कर में अपर कलेक्टर ने नोटिस जारी कर दिया. नोटिस जारी कर जबाव मांगा गया है. साथ ही जबाव न देने पर कार्रवाई की बात कही गई है.
क्या है पूरा मामला
मामला छतरपुर है जहां जिला पंचायत में जनसुनवाई हो रही थी. जनसुनवाई में कई अधिकारी शामिल हुए थे, इस दौरान नोडल अधिकारी के के तिवारी हंस दिए. जनसुनवाई के बाद अपर कलेक्टर मिलिंद नागदवे ने के के तिवारी नोडल अधिकारी ई गवर्नमेंट को नोटिस जारी कर दिया. नोटिस में अपर कलेक्टर ने मिलिंद नागदवे ने लिखा कि जनसुनवाई के दौरान आप हंस रहे थे. आपका हंसना अनुशासन हीनता है, इसलिए आप अपनी इस अनुशासन हीनता के नोटिस का जबाव दीजिए नहीं तो आप पर कार्रवाई हो सकती है. अपर कलेक्टर का यह नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
एम्बुलेंस न मिलने पर कलेक्टर की कार्रवाई
वहीं दूसरी ओर आदिवासी युवती को एम्बुलेंस की कॉल करने के बाद छह घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची, इसके कारण युवती की मौत हो गई. मामले में कलेक्टर पार्थ जयसवाल ने कार्रवाई करते हुए एसडीए और सीएमएचओ की रिपोर्ट के आधार पर छतरपुर 108 जिला समन्वयक एवं असिस्टेंट मैनेजर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही पीड़िता को समय पर 108 एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराने के संबंध में सेवाप्रदाता द्वारा लापरवाही भी सामने आई है. दो ऐम्बुलेंस के अक्टूबर का परिचालन व्यय अर्थदंड के रूप में 4 लाख 66 हजार की कटौती की गई है.