X पर नंबर-1 पर ट्रेंड हुआ छत्तीसगढ़ का बस्तर ओलंपिक, जानिए इस अनोखे आयोजन के बारे में
bastar olympics-छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में चल रहे बस्तर ओलंपिक का आज समापन हो गया है. इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए और बस्तर ओलंपिक युवाओं को भारत निर्माण की प्रक्रिया से जोड़ने वाला आयोजन बताया. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर बस्तर ओलंपिक है क्या
chhattisgarh news-बस्तर ओलंपिक सोशल साइट एक्स पर पूरे दिन से लगातार ट्रेंड कर रहा है. इस अनोखे आयोजन कि चर्चा पूरे देशभर में हो रही है, आज इसका समापन हो गया है. 1 नंबवर से हो रहा है आयोजन अपने आप में बड़ा ही खास है, क्योंकि इसमें आमने-सामने उन लोगों ने हिस्सा लिया जो आपस में कट्टर दुश्मन रहे हैं. गोलियों की तड़तड़ाहट और ब्लास्ट के लिए सुर्खियों में रहने वाला बस्तर अब बदल रहा है.
बस्तर ओलंपिक युवाओं और पूर्व में रहे नक्सलवादियों को एक नई दिशा दिखला रहा है.
क्या है बस्तर ओलंपिक
बस्तर ओलंपिक साय सरकार की एक अनूठी पहल है, जो इलाके में नक्सलियों की कमर तोड़ने और युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शुरू की गई है. यहां कई तरह के खेलों का आयोजन किया गया, इन खेलों की खास बात इनमें खेलने वाले खिलाड़ी रहे. बस्तर ओलंपिक खेलों में 300 आत्म समर्पित और 18 नक्सल घटनाओं में दिव्यांग हुए खिलाड़ियों ने भी हिस्सा लिया. जो लोग कभी एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे उन्होंने इन खेलों में टीम बनाकर एक दूसरे का साथ दिया.
1 नबंवर से शुरु हुआ था आयोजन
बस्तर ओलंपिक खेलों के लिए 1 अक्टूबर को पंजीयन शुरू हुआ था. इसके बाद 1 नबंवर से 20 नवंबर तक पंचायत और ब्लाक स्तर पर खेलों का आयोजन हुआ था. ब्लॉक स्तर में विजेताओं ने 21 से 25 नवंबर तक जिला स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. फिर आखिर में 13 दिसंबर को संभाग स्तर पर खेलों का आयोजन किया गया. समापन कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सल हिंसा से पीड़ित मडकम मुन्ना और अन्य आदिवासी समाज के लोगों का सम्मान किया.
'नक्सलवाद को करेंगे खत्म'
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में मंच से कहा कि बस्तर अब बदल रहा है. बस्तर ओलंपिक 2024 का कार्यक्रम ऐतिहासिक हुआ है. उन्होंने कहा कि बस्तर नक्सलवाद की कॉफिन पर आखिरी कील ठोकेगा. 2026 में फिर बस्तर ओलंपिक में आऊंगा और कहूंगा बस्तर बदल गया.