Narak Chaturdashi 2022 Date: दिवाली 5 दिनों का त्यौहार होता है. जो धनतेरस से शुरू होकर यह भाई दूज तक चलता है. नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहते हैं. इस दिन 14 दीप जलाने की परंपरा होती है. कहते हैं श्रीकृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा ने नरकासुर का वध किया था. नरकासुर को यह वरदान था की उसे सिर्फ एक स्त्री ही मार सकती है और कोई भी नहीं. उसकी कैद से लगभग 16 हजार महिलाओं को श्री कृष्णा ने मुक्ति दिलाई थी और यह उनकी पट रानियां भी मानी जाती हैं. इसलिए इस दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. 


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कहा जलाने चाहिए दीपक 
पहला दिया रात को सोने से पहले यम के नाम का जलाएं. उसमें सरसों का तेल डालें और घर के बाहर दक्षिण की तरफ मुंह रखकर कचरे के डिब्बे के पास रखें. दूसरा दायी घर के मंदिर में घी का जलाएं. ऐसा करने से आपको कर्ज से मुक्ति मिलेगी. उसके बाद माता लक्ष्मी के सामने , माता तुलसी  के सामने प्रज्वलित करें. इसके साथ ही पांचवा दीया घर के बहार रखें. इसके बाद क्रमशः पीपल के पेड़ के निचे, कूड़े रखने की जगह पर, छत की मुंडेर पर, छत पर, खिड़की, सीढ़ियों पर और रसोई में पानी रखने की जगह पर रख सकते हैं. कहते हैं कि इस दिन दीपक जलाकर यमदेव की पूजा करके परिवार में किसी की अकाल अथवा असमय मृत्यु नहीं होती है. 


नरक चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2022
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 03 मिनट से हो रही है. वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 27 मिनट पर होगा.


क्यों कहते हैं नरक चतुर्दशी
हिंदू धर्म के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध कर उसके बंदी गृह में कैद 16 हजारों महिलाओं को आजाद कराया था. इसलिए छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है.


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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और धार्मिक जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)