वीरेंद्र वास‍िंंदे/बड़वानी: मध्‍य प्रदेश के बड़वानी ज‍िले में एक अनोखा मामला आया है. खेतिया की डेढ़ वर्षीय मासूम का सफेद ब्‍लड न‍िकला. मासूम के पिता का दावा है क‍ि मामूली सर्दी, खांसी, बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह पर खून की जांच करवाई तो खून लाल की जगह सफेद न‍िकला.  


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डॉक्‍टर ने ल‍िखा खून की जांच के ल‍िए 
अशोक नगर खेतिया के रहने वाले इमरान का कहना है क‍ि उसकी डेड़ साल की मासूम अनाया जिसको सर्दी, खांसी, बुखार के बाद वे उसे शहादा (महाराष्ट्र) एक डॉक्टर को दिखाने गए थे. वहां डॉक्टर ने खून की जांच को लिखा. 


मुंबई भेजा गया सैंपल 
जब खून का सैंपल लिया गया तो उसका रंग लाल की बजाए सफेद निकला जिसे देख कर डॉक्टर चौंक गए और उसे धुलिया के माहेरा हॉस्पिटल डॉ. संजय जोशी के पास भेजा गया जहां से उसे डॉक्‍टर जोशी ने मुंबई के अस्पताल जांच के लिये भिजवाया. 


खून का सैंपल भेजा गया ब्र‍िटेन 
इतने पर भी जब डॉक्‍टरों की समझ में कुछ नहीं आया तो वहां से उसके खून का सैंपल ब्रिटेन जांच के लिए भेजा गया ताकि उसके रंग या फिर बीमारी का पता चल सके लेकिन देरी के कारण भेजा गया सेंपल खराब हो गया जिससे बीमारी का पता नहीं लग पाया. 


सीएमएचओ ने क‍िया कुछ भी कहने से इनकार 
इस मामले में जिला अस्पताल में पदस्थ सीएमएचओ डॉक्टर अनिता सिंगारे से बात की तो उन्होंने जानकारी न होने के चलते कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. 


 



दुन‍िया में अलग-अलग ग्रुप का होता है खून 


बता दें क‍ि दुनिया में हर इंसान की बॉडी में खून दौड़ता है. हर किसी की बॉडी में अलग-अलग ग्रुप का खून दौड़ रहा है. अलग-अलग ब्लड ग्रुप्स के बीच एक ब्‍लड ग्रुप काफी रेयर है. इसे गोल्डन ब्लड कहा जाता है. कहते हैं कि इस खून की एक बूंद की कीमत भी सोने से महंगी होती है. इसकी वजह इसकी दुर्लभता है. अभी तक ये ब्लड ग्रुप दुनिया में रहने वाले सिर्फ और सिर्फ 45 लोगों में पाई गई है.


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