MP Politics: 16 वर्ष से अधिक समय मुख्यमंत्री रहने के बाद भी भले ही शिवराज सिंह चौहान एक भी बार अशोकनगर शहर नहीं आए हों, मगर मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जल्द ही अशोकनगर आने वाले हैं. यहां वह कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे. भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष आलोक तिवारी ने कहा है कि उनकी तरफ से मुख्यमंत्री को अशोकनगर शहर में आने के लिए औपचारिक आमंत्रण दिया गया है. उम्मीद है जल्द ही मुख्यमंत्री का अशोकनगर में कार्यक्रम बन जाएगा.


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आलोक तिवारी का कहना है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव उज्जैन में किसी मुख्यमंत्री के रात ना रुकने के मिथक को तोड़ा है. वह एक बड़ा उदाहरण है. उनका कहना है कि अशोकनगर आने पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अशोकनगर शहर के आदि देव राजराजेश्वर महादेव के मंदिर दर्शन करने भी जा सकते हैं. बता दें कि अशोकनगर को लेकर भी एक मिथक वर्षों से चला आ रहा है. कहा जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री अशोकनगर आते हैं वह अशोकनगर से जाने के बाद अपने पद से चले जाते हैं और यह उदाहरण देखने को भी मिलते हैं.


यहां आए मुख्यमंत्री की चली गई कुर्सी
राजनीति के जानकारों का कहना है कि 1975 में मुख्यमंत्री प्रकाश चंद सेठी कांग्रेस के राज्य अधिवेशन में शामिल होने यहां आए थे. कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री पद से हट गए. 1977 में मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल तुलसी सरोवर का लोकार्पण करने यहां आए. इसके बाद सीएम वीरेन्द्र सखलेचा और मुख्यमंत्री कैलाश जोशी यहां आए. 1983 में मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राजीव गांधी के साथ यहां आए थे. 


फिर सीएम बनने के बाद नहीं आया कोई
इसके अलावा साल 1986 में मुख्यमंत्री मोतीलाल बोरा प्लेटफॉर्म पर ओवर ब्रिज का भूमिपूजन करने यहां आए. साल 1992 में मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा और साल 2003 में मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आए थे. कहा जाता है कि यहां से जाने के बाद इन सभी मुख्यमंत्रियों ने अपनी कुर्सी खोई, उसके ही चलते अशोकनगर में सीएम बनने के बाद कोई भी मुख्यमंत्री नहीं आते हैं..!