CM Mohan Yadav: हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुई ब्लास्ट की घटना को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ, विपक्ष ने सरकार पर जमकर निशाना साधा, तो सत्ता पक्ष ने भी पूरे मामले में अपना पक्ष रखा. सीएम मोहन यादव ने भी हरदा ब्लास्ट को लेकर सदन में कई अहम बयान दिए हैं. उन्होंने बताया कि हरदा की घटना के बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी केंद्र सरकार को भेज दी थी. क्योंकि उन्हें इस मामले में आतंकी घटना की आशंका भी हुई थी, इसलिए पूरे मामले से तत्परता से काम किया गया था. 


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'विस्फोट देखकर लगा आतंकी घटना तो नहीं'


हरदा मामले पर सदन में बोलते हुए सीएम मोहन यादव ने बताया 'जिस तरह से विस्फोट हुआ था, पोखरण जैसा विस्फोट लगा था. इसलिए वीडियो को देखकर या लग रहा था कुछ भी हो सकता है, इसलिए तत्काल अधिकारियों को मौके पर भेजा था, जबकि 50 मिनट के अंदर हमने आपातकालीन बैठक बुलाई. वहीं ब्लास्ट को देखकर आतंकी घटना की आशंका भी हुई थी, इसलिए तत्काल मामले की जानकारी भारत सरकार को भी दी गई थी. घटना की जानकारी जैसे ही कैबिनेट के अंदर मुझे लगी थी तो हमने कैबिनेट बैठक रोककर मंत्री उदय प्रताप सिंह को अधिकारियों के साथ तुरंत हरदा रवाना किया था.' 


किसी को नहीं छोड़ा जाएगा, सब पर कार्रवाई होगी 


वहीं हरदा की घटना पर कांग्रेस द्वारा स्थगन प्रस्ताव लाने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, 'विपक्ष इस पर स्थगन प्रस्ताव लेकर आई है, हमनें उसे स्वीकार करते हुए कहा कि हमने काम किया है तो उस पर जवाब देने में हमें कोई गुरेज नहीं है, जांच निष्पक्ष होगी. जिसकी गलती होगी उसे छोड़ा नहीं जाएगा.


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परीक्षण के आधार पर राहत राशि मिलेगी


सीएम मोहन यादव ने कहा 'पूरे मामले में कार्रवाई चल रही है, हम एनजीटी के आदेश का परीक्षण कर रहे हैं, उसके आधार पर ही मामले में राहत राशि दी जाएगी. इसके अलावा हरदा को लेकर पूरी जानकारी जुटाई जा रही है. इस घटना में जो भी जिम्मेदार होंगे चाहे वह कोई भी अधिकारी हो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा और सब पर कार्रवाई की जाएगी. 


घायलों को इलाज की पूरी व्यवस्था 


मुख्यमंत्री ने कहा 'घायलों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था की गई है. एक बहादुर महिला हमें हमीदिया में मिली थी जो उस फैक्ट्री में ही काम करती थी उसका हाथ उड़ गया था इस हादसे में. हमने उससे भी बात की थी. मामले में यह भी पता चला था कि वहां बस्ती बसी हुई है. ऐसे में वहां बस्ती बसाने की इजाजत कैसे मिली इसकी भी जानकारी ली जाएगी. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, हमने राहत बचाव के साथ सभी कदम एक साथ उठाये हैं, तीन साल पहले की सरकार किसकी थी, हम उसमें नहीं जाना चाहते. जब फैक्ट्री बनाई गई तो वह एकांत में था लेकिन बस्ती वहां कैसे बसाई गई यह जांच में आएगा. अधिकारियों को इसलिए हटाया गया क्योंकि एक पत्र में इस बात का जिक्र था की क्षमता से अधिक विस्फोटक पाए जाने की बात लिखी थी. इसलिए पूरे मामले में सख्त कार्रवाई होगी.'


हरदा में हुए थे तेज विस्फोट 


हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुई ब्लास्ट की घटना को लेकर सब हैरत में पड़ गए थे, दरअसल, पटाखा फैक्ट्री से विस्फोट के जो वीडियो आए थे, उसमें लगातार कई विस्फोट हुए थे. ऐसे में पहली नजर में यह एक तरह से आतंकी घटना ही लगी थी. वहीं सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती समेत कई नेताओं ने इसकी आशंका भी जताई थी. क्योंकि हरदा जिला सिमी प्रभावित रहा है. ऐसे में इस पूरे मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है. 


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