Ujjain Kumbh Mela: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव खुद 2028 में होने वाले उज्जैन कुंभ सिंहस्थ की निगरानी करेंगे. इसको लेकर सीएम ने मंगलवार को सिंहस्थ की तैयारियों की समीक्षा बैठक ली. इस बैठक में सीएम ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कैबिनेट कमेटी बनाने का फैसला लिया, जो आयोजन की निगरानी और समन्वय का काम करेगी. सिंहस्थ से पहले उज्जैन के साथ-साथ मालवा-निमाड़ के क्षेत्रों का विकास किया जाएगा. क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नई रूप रेखा बनाई जाएगी. पूरे क्षेत्र में तीन साल के भीतर कई परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा. 


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ये प्रोजेक्ट जल्द होंगे शुरू


-इंदौर-उज्जैन फोरलेन,  जावरा-उज्जैन और उज्जैन रेलवे स्टेशन की क्षमता बढ़ाने और उज्जैन के आस-पास फ्लैग स्टेशन विकसित किए जाएंगे. 
-क्षिप्रा के लिए इंदौर-उज्जैन के बीच स्टॉप डेम बनाए जाएंगे. नदी में मिलने वाले नालों और गंदे पानी का डायवर्सन की योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा. 
-क्षिप्रा की सफाई के लिए आईआईटी से जरूरी सुझाव और विकल्प भी मांगे जाएंगे.
-जल-मल योजनाएं और सीवेज ट्रीटमेंट प्लान 2 साल से पहले पूरे होंगे.
-मेला क्षेत्र में अलग-अलग कामों के लिए जोनल प्लान बनेंगे.


हरिद्वार और प्रयागराज महाकुंभ का होगा अध्ययन
सीएम यादव ने कहा कि सिंहस्थ को बेहतर बनाने के लिए प्रयागराज और हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ का अध्ययन किया जाएगा. इसके अब मध्य प्रदेश के अलग-अलग विभागों के अधिकारी प्रयागराज और हरिद्वार जाएंगे और वहां महाकुंभ की व्यवस्थाओं को देखेंगे. सिंहस्थ के लिए कुछ क्षेत्रों में काम शुरू हो चुका है. ट्रैफिक, सुरक्षा, सफाई, जन सुविधाओं और आईटी से जुड़े कामों के टेंडर 12 जून को खोले जाएंगे. शहर में पार्किंग और इलेक्ट्रिक बस जैसी सुविधाएं विकसित होंगी. प्रमुख अखाड़ा क्षेत्र का जोनल प्लान दिसंबर तक बनेगा.


शहर में बनेंगे नए घाट
नमामि क्षिप्रा योजना के जरिए क्षिप्रा को बेहतर स्वरूप में लाया जाएगा. उज्जैन के शहरी इलाकों में क्षिप्रा के नए घाट बनकर तैयार होंगे. साल 2040 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए इंदौर, सांवेर, देवास व उज्जैन नगरीय क्षेत्रों में जल-मल योजनाएं और सीवेज ट्रीटमेंट प्लान तैयार की जाएंगी और इसे 2027 से पहले पूरा किया जाएगा. कान्ह नदी सहित ​क्षिप्रा नदी में मिलने वाले सभी नदी-नालों का दिसंबर 2027 तक ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा.