भोपाल: अटल प्रगति पथ (चंबल एक्सप्रेस-वे) के काम को गति देने के साथ-साथ अब शिवराज सरकार नर्मदा एक्सप्रेस-वे पर काम करेगी. इसका फैसला शुक्रवार को शिवराज कैबिनेट बैठक में हो गया है. सरकार इस प्रोजेक्ट को भारतमाला परियोजना से जोड़ने के लिए भी केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी.


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प्रदेश की सबसे बड़ी सड़क परियोजना
906 किलोमीटर लंबा  नर्मदा एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश की मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी सड़क परियोजना होगी. ये   कबीर चबूतरा (अमरकंटक) जिला अनूपपुर से प्रारंभ होकर झाबुआ जिले में मध्य प्रदेश-गुजरात की सीमा तक बनाया जाएगा. एक्सप्रेस-वे में जो मार्ग लिए गए हैं. उनमें कुछ सड़क का कार्य स्वीकृत हो चुका है तो कुछ जगह निर्माण चल रहा है. जबलपुर बायपास और नसरुल्लागंज-संदलपुर मार्ग पर निर्णय होना बाकी है.


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इन जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश के 12 जिलों अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरगौन, बड़वानी और अलीराजपुर और झाबुआ से गुजरेगा. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से छत्तीसगढ़ सीधा गुजरात से जुड़ जाएगा. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-बड़ोदरा एक्सप्रेस कॉरिडोर से जुड़ जाएगा.


इन सड़कों को परियोजना से जोड़ा जाएगा
नर्मदा एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश को पूर्वी सीमा में छत्तीसगढ़ स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 45 ई (बिलासपुर-रायपुर) तक और पश्चिम में गुजरात में दिल्ली-मुंबई इंटर कारिडोर तक जोड़ेगा.एक्सप्रेस-वे से 12 क्षेत्र (रीवा, भोपाल, हरदा, होशंगाबाद, खंडवा, हरसूद, खरगोन,बड़वानी, रतलाम, उज्जैन, देवास) की सड़कों को जोड़ा जाएगा ताकि वहां औद्योगिक और पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके. 


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किताना आएगा खर्च
एक्सप्रेस-वे के लिए सड़क विकास निगम की डीपीआर के मुताबिक, यह कबीर चबूतरा अमरकंटक से प्रारंभ होकर झाबुआ तक रहेगा. मार्गों के उन्नयन में दो हजार 696 करोड़ और भूमि अधिग्रहण में 242 करोड़ रुपए लगेंगे. औद्योगिक और पर्यटन की गतिविधियों वाले जिन 12 क्षेत्रों की सड़कें जुड़ेंगी. इसके अलावा लेबड की सड़कों के लिए  185 करोड़ 60 लाख रुपए व्यय होंगे.


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