भोपाल: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पिछले कुछ दिनों में कोरोना (Corona) के मामले में इजाफा देखने को मिला है, जिसने सरकार और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. इसी को लेकर सीएम शिवराज सिंह (Shivraj Singh) ने आपात बैठक बुलाई है. बैठक में कोरोना के बढ़ते मामलों और तीसरी वेव (Corona Third Wave) को लेकर मंथन हो सकता है. इसके साथ ही प्रदेश में कई शहरों में कोरोनो वैक्सीनेशन (Corona Vaccine) के दूसरे डोज को लेकर लापरवाही देखी जा रही है. इसपर भी चर्चा संभव है. दीपावली जैसा बड़ा त्यौहार सामने है, ऐसे में कोरोना के बढ़ रहे मामलों पर रोक लगाना बढ़ी चुनौता साबित हो सकता है.


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खाद के मुद्दे पर भी मंथन
कोरोना के साथ ही प्रदेश में खाद की किल्लत को लेकर भी घमासान मचा हुआ है. एक दिन पहले ही अशोकनगर के पिपरोल गांव में एक किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या (Farmer Suicide) कर ली थी, जिसके बाद उसके परिजनों का कहना है कि किसान कई दिनों से खाद नहीं मिलने से परेशान था. मामले पर अब जमकर राजनीति भी हो रही है. खाद की किल्लत को लेकर कांग्रेस (Congress) राज्य सरकार पर हमलावर दिखाई दे रही है. ऐसे में इस आपात बैठक में खाद के मुद्दे पर भी मंथन होना है.


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खाद की किल्लत से अन्नदाता परेशान 
मध्यप्रदेश के कई जिलों में खाद की किल्लत से अन्नदाता परेशान है. एक तरफ रबी की फसल की बुवाई शुरू होनी है और दूसरी तरफ किसान रासायनिक खाद की कमी से जूझ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक 52 में से 25 जिलों में खाद की भारी कमी है. किसानों को खाद पर्याप्त नहीं मिल पा रही है. प्रदेश में अराजकता का माहौल बनता जा रहा है, जो सरकार के लिए बड़ी परेशानी है. उधर विपक्ष इसे लेकर लगातार हमलावर है. हाल ही में दिग्विजय सिंह ने एक किसान की मौत पर बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि खाद नहीं मिलने पर किसान ने ज़हर खा कर आत्महत्या की. मामू ने सारी खाद उन क्षेत्रों में भेज दी, जहां उप चुनाव हो रहे हैं. जैसे ही ३० को वोट डल जाएगा, उन क्षेत्रों में खाद मिलना भी बंद हो जाएगी. जिन्होंने खाद अपने गोदामों में जमा कर ली है वो कालाबाज़ारी करेंगे.


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