हार पर मंथन के बाद MP कांग्रेस में हो सकते बड़े बदलाव, दिल्ली जा सकते हैं नाथ-दिग्विजय
MP Politics: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस करारी हार का सामना करना पड़ा था, वहीं अब हार के बाद हुए मंथन के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस में बड़े बदलाव हो सकते हैं जिसके संकेत मिले हैं.
MP News: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी कई बड़े बदलाव कर सकती है. जिसके संकेत कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन का रिव्यू करने आई कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों ने दिए हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भोपाल पहुंचकर कांग्रेस को मिली हार की समीक्षा की थी. जिसमें लोकसभा चुनाव के हारे हुए प्रत्याशियों को भी शामिल किया गया था. इसके अलावा उन्होंने विधायकों से भी बातचीत की थी. माना जा रहा है कि पृथ्वीराज चव्हाण जल्द ही अपनी रिपोर्ट दिल्ली में आलाकमान को सौंप सकते हैं, जिसके बाद ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी कुछ अहम बदलाव कर सकती है, जिसमें दो सीनियर नेताओं को लेकर भी अहम फैसले हो सकते हैं.
सभी रीजन को मिलेगा मौका
दरअसल, रविवार को भी कांग्रेस की फाइंडिंग कमेटी ने लोकसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशियों से बातचीत की थी. जिसके बाद पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह बात साफ हुई है कि मध्य प्रदेश में सभी रीजन के हिसाब से नेताओं को आगे बढ़ाना चाहिए ताकि किसी एक अंचल पर केंद्रित न हो सके. प्रदेश में अनुसूचित जाति का भी कोई प्रभावशाली नेता प्रदेश में नहीं दिखता है. ऐसे कई मुद्दें हैं जिन पर चर्चा जरूरी है. इसलिए इन सभी बातों पर भविष्य में विचार किया जाएगा, उसके बाद ही अगली रणनीति बनेगी.
दिल्ली जा सकते हैं नाथ-दिग्विजय
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को लेकर भी पृथ्वीराज चव्हाण ने अहम संकेत दिए हैं. दरअसल, जब उनसे पूछा गया कि यह दोनों सीनियर नेता एमपी की राजनीति में ही एक्टिव रहेंगे या फिर दिल्ली जाएंगे. इस पर उन्होंने कहा कि अब मध्य प्रदेश में दोनों नेताओं की जरुरत कम दिखती है, क्योंकि प्रदेश में सशक्त लीडरशिप दिखती है. लेकिन दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को लेकर निर्णय केंद्रीय लीडरशिप लेगी. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं को एआईसीसी में कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है. हार पर हुए मंथन में कई बातें सामने आई हैं जिन पर आगे विचार किया जाएगा. दिग्विजय सिंह राज्यसभा सांसद थे, ऐसे में वह लोकसभा का चुनाव क्यों लड़ें अगर इसकी जगह पर प्रचार में जुटते तो शायद जरूर फायदा होता. ऐसे सभी मुद्दों पर चर्चा होगी.
राजनीतिक जानकारों का भी मानना है कि दोनों नेताओं के उम्र और सियासी अनुभव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी अब उन्हें दिल्ली की राजनीति में एक्टिव कर सकती है. दिग्विजय सिंह राज्यसभा सांसद होने के नाते फिलहाल दिल्ली की सियासत में एक तरह से एक्टिव हैं ही. वहीं कमलनाथ को भी केंद्र की राजनीति का अच्छा अनुभव है. ऐसे में कमलनाथ भी अब दिल्ली का रुख कर सकते हैं. क्योंकि कांग्रेस पार्टी उनके सियासी अनुभव का लाभ जरूर उठाना चाहेगी.
29 सीटों पर मिली हार
बता दें कि मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर इस बार कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. ऐसे में मध्य प्रदेश की तरफ से लोकसभा चुनाव में खाता तक नहीं खुलने के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस में बड़े बदलाव होंगे और पार्टी में नए तरीके से संगठन की जमावट हो सकती है. माना जा रहा है कि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी जल्द ही दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. इसके बाद ही पार्टी में आगे के फैसले होंगे.
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