प्रिया पांडे/भोपाल: मध्यप्रदेश (MP News) में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (MP Election 2023) को लेकर मिशन 2023 की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने पीसीसी चीफ कमल नाथ के आवास पर कौमी एकता सम्मलेन आयोजित किया. जिसमें सिख समुदाय की अहम भागीदारी रही. बता दें कि बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग शामिल हुए. सिख समुदाय के लोगों ने पार्टी के प्रति अपने विश्वास और प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कांग्रेस से टिकट की मांग की. वहीं दूसरी ओर भाजपा ने सम्मेलन की आलोचना करते हुए कहा कि सिख दंगों के दाग मिटाए नहीं जा सकते.


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'हम 84 के दंगों का दंश भूल गए हैं'
पीसीसी चीफ कमल नाथ के आवास पर आयोजित कौमी एकता सम्मेलन में बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग शामिल हुए. सिख समुदाय के लोगों ने बयान देकर कहा कि वे 1984 के दंगों का दंश भूल गए हैं  FIR में कमलनाथ जी का नाम नहीं था. आज हम कमलनाथ जी से मध्य प्रदेश से सिख समुदाय के लोगों को कम से कम 3 टिकट देने की मांग करेंगे.


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'कमलनाथ ने बहुत काम किया'
उन्होंने कहा कि आज यहां पर भाईचारे का संदेश दिया जाएगा और उसकी बात होगी. हमें पूरा भरोसा है कि कांग्रेस हमारे साथ रहेगी और हम चुनाव में जीताने का उनको कमिटमेंट भी देंगे. हमारे तीर्थ दर्शन के लिए कमलनाथ ने बहुत काम किया है और स्थलों के दर्शन के लिए सुविधा बनाई थी.


बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं कमलनाथ के इस सम्मलेन पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि कितने भी प्रयास कर लें सिख दंगों के दाग नहीं धुलेंगे.  नरसंहार की तस्वीर आज भी सबके जहन में, कई प्रतिष्ठित लोगों हैं इसके गवाह हैं. कमलनाथ और कांग्रेस चाहे कितने भी प्रयास कर लें, इसके दाग नहीं धुलने वाले.


बीजेपी के तंज पर कांग्रेस का पलटवार 
कांग्रेस ने बीजेपी की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि पैर धोने से आदिवासियों के अपमान के दाग नहीं मिटते. कांग्रेस ने 1984 की घटना के पीड़ितों का सम्मान किया और माफी मांगी. कांग्रेस ने कहा कि कमलनाथ के खिलाफ बोलने के बीजेपी के पास कुछ भी नहीं है.   बीजेपी बताए कि 1992 के लिए बीजेपी ने कभी जनता से माफ़ी मांगी क्या? मप्र में आदिवासियों का अपमान हुआ, पैर धुलने से दाग नहीं धुलते